ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘राइट टु हेल्थ’ में कंज्यूमर को प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी के बारे में भी जानने का अधिकार है। इस तरह कोर्ट ने राइट टु हेल्थ का दायरा बढ़ा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी के बारे में जानकारी देना न सिर्फ निर्माता, सेवा प्रदाता की जिम्मेदारी है, बल्कि प्रॉडक्ट का प्रचार प्रसार करने वाले माध्यम, सेलेब्रिटी और इन्फ्लुएंसर की भी जिम्मेदारी बनती है। एडवरटाइजर और एडवरटाइजिंग एजेंसी और उस प्रॉडक्ट को प्रमोट करने वाले जिम्मेदारी से काम करें। उन्हें भी गाइडलाइंस के तहत जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि कंज्यूमर का जो भरोसा होता है, वह तोड़ा न जाए, उनका शोषण न हो सके।
कोई ठोस मैकेनिजम नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गुमराह करने वाले विज्ञापन के मामले में कोई ठोस मैकेनिजम नहीं है, जहां कंज्यूमर अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने ‘राइट टु हेल्थ’ के दायरे में कंज्यूमर के अधिकार को प्रोटेक्ट करने के लिए निर्देश दिया कि विज्ञापन जारी करने से पहले एडवरटाइजर और एडवरटाइजिंग एजेंसी केबल टेलिविजन नेटवर्क रूल्स का पालन करें।
कंज्यूमर राइट्स के बारे में व्यवस्था दी
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हीमा कोहली की अगुवाई वाली बेंच ने पतंजलि केस में दिए गए अपने ऑर्डर में कंज्यूमर राइट्स के बारे में व्यवस्था दी है। इस मामले में आईएमए की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि गुमराह करने वाले विज्ञापन पर रोक लगाई जाए और रेगुलेशन किया जाए।
‘राइट टु हेल्थ’ का दायरा काफी व्यापक हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पतंजलि और अन्य के खिलाफ कंटेप्ट नोटिस जारी किया था और फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। बता दें कि मौजूदा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसके बाद इन फैसलों से ‘राइट टु हेल्थ’ का दायरा काफी व्यापक हो गया है। इसका सीधा सरोकार आम लोगों से है, जिन्हें इस अधिकार को लेकर जागरुक रहने की जरूरत है।
खाने में केमिकल के यूज पर जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एफएसएसएआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, एक अर्जी मंव कहा गया है कि खाने और फूड आइटम्स में कीटनाशक और अन्य केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है। कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई की सहमति दे दी। अर्जी में कहा गया है कि ज्यादा पेस्टिसाइड से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो रही हैं। उधर एफएसएसएआई ने फूड बिजनेस ऑपरेटर्स से कहा है कि वह फलों को पकाने के लिए ‘कैल्शियम कार्बाइड’ का इस्तेमाल न करें।