ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ 15 दिसंबर या इससे पहले अपना फैसला सुना सकती है।
संविधान पीठ ने 16 दिन चली लंबी सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों (याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार) की ओर से संवैधानिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर दलीलें सुनने के बाद पांच सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस मसले पर संविधान पीठ का जो भी फैसला होगा, वह न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस का मुद्दा बन सकता है।
लोकसभा चुनाव पर भी असर संभव
इसका देश के 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा अगस्त, 2019 में जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर राज्य को दो हिस्सों में विभाजित करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।