दीप्सी द्विवेदी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और एलजी, दोनों ही उच्च संवैधानिक पदों पर हैं। उन्हें राजनीतिक कलह से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को दिल्ली इलेक्टि्रसिटी रेगुलेटरी कमीशन (डीईआरसी) के चेयरपर्सन की नियुक्ति का मसला आपसी बातचीत से सुलझाने की नसीहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वी. के. सक्सेना आपस में मीटिंग कर नाम पर चर्चा करें। दोनों को मिलकर चेयरपर्सन के लिए नाम देना चाहिए। दोनों को राजनीतिक कलह से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नई तारीख तय कर दी है। अदालत ने दिल्ली सरकार और एलजी के वकीलों से कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई से सीएम और एलजी को अवगत कराएं।
इससे पहले 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने डीईआरसी के अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस उमेश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया था। डीईआरसी चेयरमैन के तौर पर उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की अर्जी पर सुनवाई के दौरान बेंच ने एलजी ऑफिस को नोटिस जारी किया था। दिल्ली सरकार ने जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति के लिए केंद्र के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी थी। दिल्ली सरकार ने कहा है कि एलजी द्वारा एकतरफा नियुक्ति का आदेश दिया गया है , इसमें सरकार की सहमति नहीं ली गई।
दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि नोटिफिकेशन पर रोक लगानी चाहिए, क्योंकि एलजी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के जजमेंट की भावना के खिलाफ कदम उठाया है। दूसरी तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जस्टिस कुमार की नियुक्ति के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से सहमति ली गई है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई के आदेश में कहा था।
नियुक्ति में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एलजी दिल्ली सरकार की मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करेंगे और निर्देश दिया था कि डीईआरसी चेयरपर्सन की नियुक्ति दो हफ्ते में की जाए। बेंच ने कहा था कि इलेक्टि्रसिटी एक्ट की धारा-84 के तहत प्रावधान है कि जिस हाई कोर्ट के जस्टिस को डीईआरसी का चेयरपर्सन बनाया जाता है, उस हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से संपर्क करना होता है।
अगर मौजूदा जस्टिस की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव होता है, तो जहां वह काम कर रहे हैं, वहां के चीफ जस्टिस से संपर्क करना होता है। अगर वह जस्टिस रिटायर हैं, तो जहां से वह रिटायर हुए हैं वहां के चीफ जस्टिस से संपर्क करना होता है। इस मामले में प्रावधान साफ हैं, इसलिए दो हफ्ते में डीईआरसी चेयपर्सन की नियुक्ति की जाए।