नई दिल्ली। जस्टिस कृष्ण मुरारी के विदाई समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ का अलग शायराना अंदाज दिखा। इस मौके पर सीजेआई ने जस्टिस कृष्ण मुरारी के योगदान की तारीफ की। कहा कि उन्होंने अदालत का संचालन बड़ी ही विनम्रता की भावना और शांति के साथ किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस मुरारी एक ऐसे ‘विनम्र शिल्पकार’ रहे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी कानून और इससे प्रभावित लोगों के लिए समर्पित कर दी। बता दें कि जस्टिस मुरारी को 23 सितंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में पदोन्नत किया गया था।
जस्टिस मुरारी की तारीफ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदाई समारोह में सीजेआई ने कहा कि जस्टिस मुरारी ने हमेशा शांत स्वभाव का परिचय दिया जो एक जज के लिए आदर्श आचरण है। सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस मुरारी ने सेवा कानून, आपराधिक कानून और संवैधानिक कानून समेत कानून के कई क्षेत्रों में योगदान दिया।
जब सीजेआई ने पढ़ा शेर
इस दौरान सीजेआई ने बशीर बद्र का शेर भी पढ़ा। उन्होंने कहा, मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी, किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी। एक और शेर में सीजेआई ने कहा कि आपके साथ कुछ लम्हे कई यादें बतौर इनाम मिले, एक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले।
वकील के तौर पर नामांकित हुए थे
जस्टिस मुरारी का जन्म 9 जुलाई 1958 को हुआ। 23 दिसंबर 1981 को वह एक वकील के तौर पर नामांकित हुए थे। जस्टिस मुरारी ने 2 जून, 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभाला था।