मुंबई। राज्य के स्कूली विद्यार्थी साल में 10 दिन बिना बस्ते के स्कूल जाएंगे। बस्ते के बोझ से विद्यार्थियों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने हर साल 10 ‘बैगलेस डे’ दिन अनिवार्य करने की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए टीम गठित की है।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग को नई नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
ये कदम भी उठाए जाएंगे
इस पहल में प्रतिवर्ष 10 ‘बैगलेस डे’ दिन प्रस्तावित किए गए हैं। इस संबंध में सीबीएसई, एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के साथ चर्चा की गई है। मंत्रालय का प्रस्ताव है कि शैक्षणिक वर्ष में 10 ‘बैगलेस डे’ होंगे। इन दिनों में छात्रों को स्कूल परिसर के बाहर फील्ड विजिट पर ले जाया जाएगा। वे स्वच्छ पानी, स्थानीय पौधों और जंतुओं का अध्ययन और स्थानीय स्मारकों का दौरा आदि जैसे व्यावहारिक कौशल सीखेंगे।
कई प्रयासों के बावजूद समस्या मौजूद
राज्य स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षा बोर्डों द्वारा स्कूली बैग का वजन कम करने के लिए कई प्रयासों के बावजूद, समस्या काफी हद तक बनी हुई है। विभिन्न न्यायालयों ने राज्य सरकारों को छात्रों को भारी स्कूली बैग ले जाने से रोकने के लिए नीतियां और दिशा-निर्देश बनाने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर हुई बैठक
इस मुद्दे को हल करने के लिए समय-समय पर समितियां बनाई गई हैं। ‘नो बैग डे’ नीति की शुरूआत इस समस्या के समाधान के लिए आशाजनक पहल है। गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर बैठक हुई। बैठक में अगले पांच वर्षों के लिए विभिन्न शैक्षिक रणनीतियों पर चर्चा की गई।