ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के समारोह में कहा कि देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब 50 फीसदी चार्टर्ड अकाउंटेंट महिलाएं होंगी। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि चार्टर्ड अकाउंटेंट का पेशा ‘आर्थिक शासन का आधार’ बन जाए।
वह राष्ट्रीय राजधानी में आईसीएआई की ओर से 75वें चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बोल रही थीं। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) में लगभग चार लाख सदस्य और आठ लाख से ज्यादा छात्र हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें बताया गया है हाल में जिन लोगों ने सीए की परीक्षा उत्तीर्ण की है उनमें करीब 42 प्रतिशत महिलाएं हैं और उनकी संख्या बढ़ रही है। आईसीएआई की क्षमता और सदस्यता की पूरी दुनिया में प्रशंसा होती है लेकिन अभी भी भारतीय कंपनियां वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के स्तर पर नहीं पहुंची हैं। इस दिशा में किए जा रहे प्रयास को बल मिलेगा अगर कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों के नियमन पर गौर करेंगी और कानूनी फर्म के साथ समन्वय करेंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने निष्पक्ष और नैतिक लेखांकन प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नति को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सीए को अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रपति ने आईसीएआई की ओर से कार्यरत सीए की ओर से जारी किए गए सभी प्रमाणपत्रों के लिए विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन) देने को अनिवार्य बनाने के कदम की सराहना की संस्थान के मुताबिक, अब तक पांच करोड़ रुपये से ज्यादा यूडीआईएन जारी किए गए हैं। कार्यक्रम में एक नई सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) योजना शुरू की गई।