ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दुनियाभर में मंदी की शुरुआत होने की आशंका जताई जाने लगी है। इसकी वजह जापान और ब्रिटेन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट को माना जा रहा है। पिछली दो तिमाहियों में दोनों देशों की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में गिरावट आई है।
ब्रिटेन छठे स्थान पर
ब्रिटेन में 2023 के अंतिम तीन महीनों में उत्पादन अनुमान से ज्यादा घटा है। इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में आ गई । वहां जीडीपी के जरिये मापी गई आर्थिक गतिविधियों में तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही में 0.3 फीसदी की गिरावट आई है। यह गिरावट सेवा, औद्योगिक उत्पादन और निर्माण में आई ।
ब्रिटेन कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में रहा है। कोविड के बाद से ब्रिटिश अर्थव्यस्था लगातार संघर्ष कर रही है। महामारी के बाद अचानक बढ़ी मांग से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था महंगाई की चपेट में थी, जो अब मंदी में फंसती दिख रही है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के जारी ताजा आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। ब्रिटेन में बेतहाशा महंगाई और अब अचानक मंदी का असर आम लोगों पर दिख रहा है। बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी सेवाओं के लिए ऑटोमेटिक पेमेंट में गिरावट आई है, जो बताती है कि लोगों के खातों में अब छोटे-छोटे बिल चुकाने के भी पर्याप्त पैसे नहीं है। ज्यादातर परिवारों का कहना है कि उनके आटो डेबिट फेल हो रहे हैं, क्योंकि बिजली और गैस के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
जापानी अर्थशास्त्री ने कहा, भारत जल्द निकल जाएगा आगे
टोक्यो विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर तेत्सुजी ओकाजाकी में कहा कि अर्थव्यस्था में गिरावट के आंकड़े कमजोर होते जापान की वास्तविकता दर्शाते हैं। इससे पता चलता है कि दुनिया में जापान की उपस्थिति कम हो रही है।
कुछ वर्ष पहले तक जापान का वाहन उद्योग शानदार था लेकिन, इलेक्टि्रक वाहनों और भारत-चीन जैसे देशों की कंपनियों की प्रतिस्पर्धाओं के सामने टिकना जापान के लिए मुश्किल हो गया है। इसके उलट, भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने की रफ्तार इस समय दुनिया में सबसे तेज है।
इसकी प्रमुख वजह है भारत सरकार की बेहतर नीतियां, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश और उद्योगों में नवाचार का समावेश। भारत अगर यही रफ्तार बनाए रखता है तो वह जल्द ही जीडीपी के मामले में जापान और जर्मनी से आगे निकल जाएगा।