ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की बेंच ने होर्डिंग को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश का पालन न किए जाने पर बीएमसी को कड़ी फटकार लगाई। बेंच ने कहा कि बीएमसी ने होर्डिंग पर क्यूआर कोड की अनिवार्यता को लेकर अब तक कुछ क्यों नहीं किया। क्या उस पर सरकार का जीआर लागू नहीं होता है? बेंच ने होर्डिंग के लिए शहर में एक अलग स्थान चिह्नित न करने के लिए भी बीएमसी को फटकारा। बेंच ने अब सभी महानगरपालिकाओं को सरकार के जीआर के आधार पर उठाए गए कदमों का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है। रात के समय अवैध होर्डिंग लगाने को लेकर बीएमसी के दावे के मद्देनजर बेंच ने कहा कि पुलिस की रात की पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाए।
कैसे और कौन सक्रिय करे
कोर्ट ने कहा कि ऐसे होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए व्यवस्था तो है, पर समस्या यह है कि इस व्यवस्था को कैसे और कौन सक्रिय करे। क्या प्रशासन से अवैध होर्डिंग को हटाने जैसा सरल काम भी नहीं होता है, जो इस शहर के स्वच्छ रहने की अपेक्षा को पूरा कर सकता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करने वाले मनपा कर्मचारी पर हमले और कल्याण-डोंबिवली के अधिकारी के अपहरण के खुलासे पर की।
हाई कोर्ट में अवैध होर्डिंग को लेकर सुस्वराज फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है।
होर्डिंग को हटाना मुश्किल नहीं
बेंच कहा कि पुलिस महानिदेशक रात में पेट्रोलिंग बढ़ाने के संबंध में सभी पुलिस स्टेशनों को परिपत्र जारी करें। होर्डिंग के लिए कार्रवाई करने वाले मनपा कर्मचारियों को जरूरत के हिसाब से सुरक्षा प्रदान की जाए। होर्डिंग को हटाना मुश्किल नहीं, बस इसकी इच्छा शक्ति का अभाव है। कार्रवाई की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने से बचना चाहिए।
सरकार के पास क्या व्यवस्था है?
बेंच ने कहा कि मनपा सरकार के आदेश का पालन कर रही है, इस पर निगरानी के लिए सरकार के पास क्या व्यवस्था है, इसका अगली सुनवाई के दौरान खुलासा किया जाए।
21 हजार अवैध होर्डिंग हटाए गए
बीएमसी के अनुसार, छह माह में 21 हजार अवैध होर्डिंग हटाए गए हैं। इसमें 4 हजार होर्डिंग राजनीतिक दलों के थे।