ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुंबई में पानी की बेहतर आपूर्ति के लिए बीएमसी येवई जलाशय से मुलुंड के बीच दो चरणों में 21 किमी लंबी वॉटर टनल बनाएगी। इस प्रोजेक्ट पर 4,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टनल 7 साल में बनकर तैयार होगी।
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई को नासिक और ठाणे जिले में स्थित झीलों से पाइपलाइन के जरिए प्रतिदिन पानी की आपूर्ति की जाती है। पाइपलाइनों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन गया है। विभिन्न डेवलपमेंट के कामों की वजह से बार-बार पाइपलाइन फूटने की घटनाएं होती हैं। अंडरग्राउंड टनल बनाने से पाइप लाइन में लीकेज और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मुंबई-नासिक एक्सप्रेस वे को बड़े पैमाने पर चौड़ा करने का काम चल रहा है। इसलिए सुरक्षित जलापूर्ति की दृष्टि से मौजूदा पाइपलाइनों की वैकल्पिक व्यवस्था करना आवश्यक है। इसके लिए कशेली से मुलुंड तक अतिरिक्त क्षमता वाली वॉटर टनल बनाने का प्रस्ताव है।
इस तरह होगा टनल का काम
बीएमसी के जलापूर्ति प्लानिंग डिपार्टमेंट ने पहले चरण में येवई जलाशय से कशेली (भिवंडी ) तक 14 किमी लंबी टनल और दूसरे चरण में कशेली से मुलुंड के बीच 7 किमी लंबी दूसरी टनल बनाने की योजना तैयार की है। इसके निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। दोनों वॉटर टनल के निर्माण में 6 से 7 साल लगेंगे।
इमरजेंसी में पाइपलाइन का विकल्प भी रहेगा
एक बार टनल बन जाने के बाद जलाशय से पांजरापोर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी सीधे टनल से आने लगेगा। तब पाइपलाइन से पानी की सप्लाई को बंद कर दिया जाएगा।
मौजूदा पाइपलाइनों को भी बरकरार रखा जाएगा, इन्हें तोड़ा नहीं जाएगा। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि यदि किसी कारणवश वॉटर टनल से सप्लाई रुकती है या क्षतिग्रस्त होती है, तो आपातकालीन स्थिति में पाइपलाइन का विकल्प मौजूद रहेगा। वर्तमान में बीएमसी मुंबई में घाटकोपर से चेंबूर अमरमहल और वडाला से परेल के बीच वॉटर टनल पर काम कर रही है। यह टनल जमीन से नीचे बनाई जा रही है।
– 7 साल में बनकर तैयार होगी टनल
मुंबई और ठाणे में बड़ी समस्या होगी दूर
मुंबई को सात झीलों से प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। यह पानी पाइपलाइन के जरिए नासिक और ठाणे से लगभग 110 किमी की दूरी से आता है।
चुराया जाता है पानी
यह पाइपलाइन काफी पुरानी है इसलिए बार-बार इनमें लीकेज की समस्या आती है। वहीं बीएमसी के अनुसार 3850 एमएलडी पानी में से करीब 700 एमएलडी पानी प्रतिदिन पाइप के जरिए या तो चोरी कर लिया जाता हैं या लीकेज की वजह से बर्बाद हो जाता है। वर्तमान समय में ज्यादातर पानी की पाइपलाइन अंडरग्राउंड नहीं है। इससे पानी लीकेज, चोरी के साथ-साथ उसकी सुरक्षा की समस्या खड़ी होती है। ऐसी समस्या से निपटने के लिए बीएमसी मुंबई और मुंबई से बाहर वॉटर टनल बनाने पर जोर दे रही है।
ट्रैफिक समस्या होगी दूर
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि ठाणे मनपा तीन हाथ नाका एरिया में ट्रैफिक की समस्या दूर करने के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसके लिए उसने मुंबई को पानी आपूर्ति करने वाली पाइपलाइनों की जगह अंडरग्राउंड टनल बनाने की सिफारिश बीएमसी से की। बीएमसी ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए यहां वॉटर टनल बनाने का निर्णय लिया है।