ललित दुबे
वाशिंगटन। हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है, जिसे सैगिटेरियस ए के नाम से जाना जाता है। अब इसे लेकर एक नया खुलासा हुआ है। नई स्टडी के मुताबिक यह इतना तेज घूम रहा है कि यह अपने चारों ओर के स्पेस-टाइम को बदल दे रहा है। स्पेस-टाइम चार आयामी फैब्रिक है, जो अंतरिक्ष में ग्रहों और सितारों जैसी बड़ी वस्तुओं के चारों ओर झुकता है। भौतिकविदों की एक टीम ने नासा के चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के जरिए ब्लैक होल का अवलोकन किया, जो पृथ्वी से 26,000 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है।
चंद्र एक्स रे ऑब्जर्वेटरी अंतरिक्ष में मौजूद एक दूरबीन है, जिसे ब्रह्मांड के गर्म क्षेत्रों से एक्स-रे उत्सर्जन का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने ब्लैक होल के चारों ओर घूम रही सामग्री से रेडियो तरंगों और एक्स-रे उत्सर्जन की जांच की। इसे अभिवृद्धि डिस्क के रूप में जाना जाता है। इस पद्धति से उन्हें सैगिटेरियस ए की घूर्णन गति की गणना में मदद मिली। इससे जुड़ा निष्कर्ष रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित हुआ।
शोधकर्ताओं ने पुष्टि की है कि ब्लैक होल घूम रहा है, जिसे लेंस थिरिंग प्रभाव के रूप में जाना जाता है। स्टडी के मुख्य लेखक और पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर रूथ डेली ने कहा, ‘लेंस-थिरिंग प्रभाव तब होता है जब एक ब्लैक होल अपने घूमने के साथ स्पेस-टाइम को खींचता है।’ एक दशक पहले उन्होंने बहिर्प्रवाह विधि तैयार की थी। उन्होंने कहा, ‘इस स्पिन के साथ सैगिटेरियस ए अपने आसपास के क्षेत्र में नाटकीय तरीके से स्पेस टाइम में बदलाव कर रहा है।’
चिंता करने वाली नहीं कोई बात
वह उदाहरण देकर कहते हैं, ‘हम एक ऐसी दुनिया में रहने के आदी हैं, जहां सभी स्थानिक आयाम बराबर हैं। जहां छत, दीवार और फर्श के बीच की दूरी रेखिक और समान लगती है। आपस में यह किसी को भी नहीं बदलती लेकिन ब्लैक होल का तेजी से घूमना इसे ही बदल दे रहा है। यह अपने आसपास के स्पेस टाइम को चारों ओर ले लेता है, जिससे यह देखने में फुटबॉल जैसा लगेगा।’ डेली ने कहा कि स्पेस-टाइम में बदलाव के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं।