ब्लिट्ज ब्यूरो
मेरठ। बागपत के लाक्षागृह और कब्रिस्तान विवाद मामले पर 54 साल बाद हिंदू पक्ष के हक में फैसला आ गया है। अब हिंदू पक्ष ने इस लाक्षागृह की जमीन पर गुरुकुल बनाने का एलान कर दिया है। गुरुकुल में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सिखाए जाएंगे। गांधीग्राम सभा इस मामले में हिंदू पक्षकार रही। सभा ने योगी आदित्यनाथ सरकार से अयोध्या और काशी की तर्ज पर लाक्षागृह का भी विकास करने की गुहार लगाई है।
माना जाता है कि बागपत जिले के बरनावा में स्थित लाक्षागृह महाभारत कालीन महल था। इसी में पांडवों को जलाने की योजना दुर्योधन ने बनाई थी। इस महल में आग लगा दी गई और पांडव सुरंग के सहारे बाहर निकल गए थे। 1970 में मुस्लिम पक्ष ने इसे कब्रिस्तान बताते हुए आचार्य कृष्णकांत शास्त्री पर मुकदमा कर दिया था। मुस्लिम पक्ष की तरफ से मुकिम खान इसमें पैरोकार बने। 54 साल में करीब 20 लोगों की गवाही के बाद अब एडीजे कोर्ट ने इसमें फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए इस 100 बीघा की संपत्ति को हिंदू पक्ष को सौंप दिया है। अब हिंदू पक्ष के लोगों में खुशी की लहर है।
ज्ञानवापी की तर्ज पर लाक्षा गृह में भी हिंदू साक्ष्य मिले थे। लाक्षा गृह की जमीन पर गुरुकुल बनाने की घोषणा करने वाली गांधीग्राम सभा में इस मामले पर योगी सरकार से गुहार लगाई है कि यहां यूपी का सबसे बड़ा गुरुकुल बनाया जाए जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की भी दीक्षा दी जाए।