बहस बेमानी
नई दिल्ली। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का जो 22 जनवरी 2024 का मुहूर्त निकाला है वो सर्वोत्तम मुहूर्त है। यदि इस दिन यह कार्य संपन्न नहीं हुआ तो फिर जून 2026 तक अर्थात अगले ढाई वर्षों तक कोई ऐसा मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है जो इस मुहूर्त की तुलना में अधिक शुभ हो।
भगवान राम पहले से ही वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें अनावश्यक और ढाई वर्ष तक प्रतीक्षा करवाने का कोई औचित्य नहीं है। हिन्दू समाज भी अपने श्रीराम को मन्दिर में यथाशीघ्र देखने के लिए अधीर है। ऐसे में उसे भी और ढाई वर्ष की प्रतीक्षा करने के लिए कहना अत्यन्त कष्टकारी हैै।
पंडित द्रविड़ जी ने प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त के संबंध में उठ रहे सवालों का विस्तार से जवाब दिया है। उनके द्वारा लिखित उत्तर की प्रति ब्लिट्ज इंडिया को प्राप्त हुई है जिसे हम यहां पेश कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के विरोधियों के लिए यह पत्र वज्रपात के समान हो सकता है क्योंकि द्रविड़ जी ने अपने पत्र के माध्यम से विघ्नसंतोषियों के फैलाये गए झूठ को बेनकाब कर दिया है।