ब्लिट्ज ब्यूरो
महू। सामाजिक न्याय के पुरोधा एवं महान राजनीतिज्ञ बाबू जगजीवन राम का जीवन सदैव प्रेरणास्पद रहा है। समरसता के शिखर पुरुष रहे बाबू जगजीवन राम ने सदैव अधिकारहीन और सुविधाओं से वंचित लोगों के कल्याण के लिए काम किया। बाबू जगजीवन राम की नीतियां राजनैतिक चेतनायुक्त एवं समरसतायुक्त समाज की स्थापना करती हैं तथा सामाजिक न्याय के लिए कटिबद्ध रही हैं। छात्रावास, चिकित्सा, महिला मताधिकार, रेल कारखाना, श्रम अधिकार, पेंशन जैसी प्रमुख नीतियां समाज के प्रत्येक वर्ग को पुष्पित एवं पल्लवित करती हैं।
उक्त बातें बाबू जगजीवन राम पीठ के पीठ आचार्य प्रो. शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने बाबू जगजीवन राम की जयंती के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम श्रृंखला की ‘समरसतायुक्त समाज की स्थापना के लिए उनकी कल्याणकारी नीतियां’ विषय पर महू ग्राम पंचायत के गवली पलासिया के पंचायत भवन में आयोजित प्रसार तथा जागरूकता कार्यक्रम को संचालित करते हुए कही।
संघर्षमय रहा बाबू जी का जीवन : बाबू जगजीवन राम पीठ के शोध अधिकारी डॉ. रामशंकर ने कहा कि बाबू जगजीवन राम का जीवन संघर्षमय रहा। लगभग 50 वर्षो के संसदीय जीवन में देश के प्रति उनका समर्पण और निष्ठा बेमिसाल है। उनका संपूर्ण जीवन राजनीतिक, सामाजिक सक्रियता और विशिष्ट उपलब्धियों से भरा हुआ है।
ऐतिहासिक कानूनी प्रावधान किए : सदियों से शोषण और उत्पीड़ित दलितों, मजदूरों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए जगजीवन राम द्वारा किए गए कानूनी प्रावधान ऐतिहासिक हैं। उन्होंने महिलाओं के अनेक मुद्दों का समाधान भी किया।
अन्याय से समझौता नहीं किया : डॉ. अम्बेडकर पीठ के शोध अधिकारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि जगजीवन राम का ऐसा व्यक्तित्व था जिसने कभी अन्याय से समझौता नहीं किया और अनुसूचित जाति,अनुसूचित जन जाति, महिलाओं, अल्पसंख्यक तथा समाज के सभी उपेक्षित वर्ग के उत्थान व सम्मान के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। विद्यार्थी जीवन से ही उन्होंने अन्याय के प्रति आवाज उठाई । भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में उनका महती योगदान है।
दलित वर्ग के मसीहा : पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थी प्रिंस कुमार ने कहा कि बाबू जगजीवन राम को भारतीय समाज और राजनीति में दलित वर्ग के मसीहा के रूप में याद किया जाता है। पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर विद्यार्थी मोहित कुमार ने कहा कि बाबू जी स्वतंत्र भारत के उन गिने चुने नेताओं में थे जिन्होंने देश की राजनीति के साथ ही दलित समाज को भी नई दिशा प्रदान की। प्रसार एवं जागरूकता परिचर्चा में धन्यवाद ज्ञापन गवली पलासिया निवासी भरत सिंह नायक ने किया। कार्यक्रम में सरपंच रवि पाटीदार का विशेष सहयोग रहा ।
इस अवसर पर पंचायत के शिवम ्वर्मा, अमिता सोलंकी, बसंती परमार, रोशनी परमार, ज्योति वर्मा, सारिका वर्मा, रमेश पाटीदार, राघव पटेल, चिंता चौहान व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।