ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो शहरों के नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। सर्वोच्च अदालत ने इन शहरों के नाम बदलने के फैसले को सही ठहराया है। महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखने का फैसला किया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी। याचिका खारिज कर दी गई।
याचिकाकर्ता ने सबसे पहले इस मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां पर राज्य के फैसले को सही ठहराया गया था। याचिकाकर्ता बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां उन्हें फैसला बदलने की उम्मीद थी।
सरकार के पास नाम बदलने का है अधिकार
इस मामले को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हृषिकेश राय ने कहा कि किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए जगह के नाम को लेकर सहमति और असहमति हमेशा रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या अदालतों को इसका समाधान न्यायिक समीक्षा से करना चाहिए? अगर उनके पास नाम बदलने या दोबारा नाम रखने की शक्ति है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाम बदलना सरकार का अधिकार होता है।
इलाहाबाद की स्थिति से तुलना करना गलत
यह एक तर्कसंगत आदेश है (बॉम्बे हाईकोर्ट का), इसे गलत क्यों ठहराया जाना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपके सभी तर्कों का हाई कोर्ट में निपटारा कर दिया गया है। क्षमा करें, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। याचिकाकर्ता के वकील एसबी तालेकर ने कहा कि प्रयागराज के लिए भी ऐसा ही मुद्दा लंबित है, पहले कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखी थी। तालेकर की इस बात का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मामले की तुलना इलाहाबाद से नहीं कर सकते।