ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से एक छात्रा के मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा जिसने आरोप लगाया है कि उसे अभी तक अपना नीट रिजल्ट नहीं मिला है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाश पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया है।
पटेल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एनटीए ने उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया और उसकी ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उसकी ओएमआर शीट का मैन्युअली मूल्यांकन किया जाए। उसने एनटीए के खिलाफ जांच की भी मांग की है और परीक्षा के लिए काउंसलिंग रोकने की मांग की है।
उसने दावा किया कि उसकी ओएमआर शीट सही सलामत थी लेकिन एनटीए ने उसे एक संदेश भेजा जिसमें कहा गया कि उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा क्योंकि ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई। याचिका का विरोध करते हुए एनटीए ने याचिकाकर्ता की मूल ओएमआर शीट, स्कोरकार्ड और उपस्थिति शीट पेश की। उसने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि इतना कुछ होने के बावजूद याचिकाकर्ता ई-मेल क्यों भेज रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि छात्रा की ओएमआर शीट पर आवेदन संख्या उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल में दिए गए आवेदन संख्या से अलग है और दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर मूल ओएमआर शीट पेश करने का आदेश दिया।