ललित दुबे
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत ने जी20 की प्राथमिकताओं पर प्रगति करने की दिशा में बहुत सक्रिय रुख अपनाया है। इसकी अध्यक्षता की प्रमुख प्राथमिकता व्यापक आर्थिक समन्वय को मजबूत करना है।
भारत ने एक दिसंबर, 2022 को साल भर के लिए जी20 की अध्यक्षता संभाली और देश भर के शहरों में 200 से अधिक बैठकों और संबंधित कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है।
जी20, या ‘ग्रुप ऑफ 20’, दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। आईएमएफ की संचार विभाग की निदेशक जूली कोजाक ने कहा, “उसकी अध्यक्षता की प्रमुख प्राथमिकताएं वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के लिए वित्तपोषण बढ़ाना और ऋण, बहुपक्षीय विकास बैंकों या एमडीडी में सुधार और डिजिटलीकरण सहित कई नीतिगत क्षेत्रों में व्यापक आर्थिक समन्वय को मजबूत करना है।” कोजाक ने यहां संवाददाताओं से कहा, भारत की जी20 की अध्यक्षता एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम पर केंद्रित है।
उन्होंने डिजिटलीकरण पर कहा कि भारत के पास एक विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा है जिसे वह अन्य जी20 सदस्यों को दिखा रहा है। कोजाक ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत समूह, डिजिटलीकरण के अवसरों और जोखिमों जैसे- क्रिप्टो परिसंपत्तियों के व्यापक-वित्तीय निहितार्थों के बारे में अपनी समझ विकसित कर रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ मिलकर काम जारी रखना चाहते हैं और जी20 की बैठकों और सितंबर में नेताओं के शिखर सम्मेलन में जी20 के अन्य साथियों के साथ मिलकर काम जारी रखना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि आईएमएफ के प्रबंध निदेशक और पहले प्रबंध निदेशक जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा करेंगे।
जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।