नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब हमले की पीड़िताओं और आंखों को स्थायी रूप से नुकसान वाले लोगों के लिए वैकल्पिक डिजिटल केवाईसी कराने की मांग पर केंद्र सरकार और आरबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हम इसकी विस्तार से सुनवाई करेंगे और समुचित दिशा-निर्देश भी पारित करेंगे।
किस किस को नोटिस
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक के अलावा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि हम मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर रहे हैं, यह काफी महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम इस पर सुनवाई करेंगे।
नौ पीड़िताओं ने दी अर्जी
शीर्ष अदालत ने तेजाब हमले की 9 पीड़िताओं की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। तेजाब हमलों के खिलाफ अभियान चला रहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रज्ञा प्रसून और अन्य ने याचिका में तेजाब के हमलों में स्थायी रूप से नेत्र विकृति वाली पीड़िताओं के लिए एक वैकल्पिक डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया की मांग की है।
बैंक खाता तक नहीं खुला
याचिका में कहा गया है कि एक याचिकाकर्ता, जिसकी आंखों को तेजाब हमले के कारण गंभीर नुकसान पहुंचा था, 2023 में आईसीआईसीआई बैंक में अपना खाता खुलवाने के लिए गई थी। लाइव फोटोग्राफी के दौरान अपनी पलकों को झपकना था लेकिन वह इस डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाई और जिसकी वजह से बैंक में उसका खाता नहीं खुल पाया। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि तेजाब हमले की कई पीड़िताएं नेत्र विकृति का शिकार हो जाती हैं और उन्हें सिम कार्ड खरीदने से लेकर बैंक खाता खुलवाने तक में इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।