• Latest
  • Trending
National Education Policy gave bumper options to students

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने छात्रों को दिए बंपर विकल्प

August 17, 2024
Hurt President Draupadi Murmu's message through a special article, enough is enough

आहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विशेष लेख के जरिये संदेश बस अब बहुत हुआ

August 30, 2024
मनी लांड्रिंग केस में इकबालिया बयान को सीधे सुबूत नहीं मान सकते

मनी लांड्रिंग केस में इकबालिया बयान को सीधे सुबूत नहीं मान सकते

August 30, 2024
court

पहली नजर में एससी, एसटी का मामला न दिखे तो अग्रिम जमानत मिले

August 30, 2024
अनेक सवाल खड़े कर गया कोलकाता कांड

अनेक सवाल खड़े कर गया कोलकाता कांड

August 30, 2024
AI will tell about lung disease by the sound of cough

एआई बताएगी खांसी की आवाज से फेफड़ों की बीमारी का पता

August 30, 2024
महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दी थी 5 सीख

महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दी थी 5 सीख

August 30, 2024
People are shedding blood for water all over the world

दुनियाभर में पानी के लिए खून बहा रहे लोग

August 30, 2024
yogi

महिलाओं के कार्यस्थल की नियमित सुरक्षा ऑडिट के निर्देश

August 30, 2024
Yogi suddenly reached Banke Bihari temple, kept looking at the image of Thakur ji.

अचानक बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे योगी, ठाकुर जी की छवि को निहारते रहे

August 30, 2024
Task force formed for women employees in KGMU

केजीएमयू में महिला कर्मियों के लिए बनी टास्क फोर्स

August 30, 2024
If we divide we will be cut off, if we remain united we will be safe: Yogi

बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहे तो सुरक्षित रहेंगे : योगी

August 30, 2024
Air India flight delays are out of control

नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान की तैयारी

August 30, 2024
Friday, September 26, 2025
Retail
संपर्क
डाउनलोड
  • देश
  • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय
    • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्री
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
  • ई-पेपर
No Result
View All Result
Welcome To Blitz India Media
No Result
View All Result

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने छात्रों को दिए बंपर विकल्प

एक ही समय में दो पूर्णकालिक डिग्री प्रोग्राम

by Blitzindiamedia
August 17, 2024
in शिक्षा-रोजगार
0
National Education Policy gave bumper options to students

नई दिल्ली। अब शिक्षा के तौर-तरीके बदल रहे हैं। विदेश में शिक्षा लेनी हो या कम समय में जॉब मार्केट के लिए तैयार होना हो, परंपरागत रूप से एक-एक कर डिग्री कोर्स करने के बजाय अब समय की बचत के कई रास्ते खुले हैं। एक साथ दो एकेडेमिक प्रोग्राम करने का विकल्प है, तो वहीं चार वर्षीय ऑनर्स कोर्स का रास्ता भी बारहवीं के बाद मिल रहा है। हर युवा जल्द से जल्द जॉब जगत का हिस्सा बनना चाहता है लेकिन अपने क्षेत्र का प्रशिक्षण और शिक्षा पूरी करने में उसे एक तय समय तो लगता ही है। ऐसे में कुछ विकल्प हैं, जिन्हें अपनाकर आप समय की बचत के साथ बेहतर स्किल ले सकते हैं। जैसे इंटीग्रेटेड डिग्री का विकल्प, जो काफी समय से उपलब्ध है।

वहीं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत अब छात्रों को एक ही समय में दो पूर्णकालिक डिग्री प्रोग्राम करने का विकल्प भी मिला है। यूरोपीय देशों में यह विकल्प काफी पहले से उपलब्ध है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

YOU MAY ALSO LIKE

ग्रेटर नोएडा में खुलेंगी 3000 फैक्टि्रयां 7 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

साहित्य अकादमी में करें नौकरी, मिलेगा दमदार वेतन

दो डिग्री कोर्स में क्या है अलग
नए विकल्प में दो एकेडेमिक प्रोग्राम एक साथ करने पर दो एकदम अलग डिग्री कोर्स को एक साथ कर सकते हैं। कोर्स पूरा करने पर दो अलग डिग्रियां मिलेंगी। वहीं, पहले से चला आ रहा इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री कोर्स अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट प्रोग्राम को एक साथ जोड़ता है। जैसे बीटेक और एमटेक। यह चार से पांच साल का होता है और पूरा होने पर एक ही डिग्री मिलती है।

शर्तें रखें ध्यान
दो एकेडेमिक प्रोग्राम एक साथ करने के नए विकल्प का चयन करते हैं, तो यह ध्यान रखें – एक कोर्स के क्लास की टाइमिंग दूसरे कोर्स की कक्षाओं के टाइम से अलग हो।

-दो डिग्री कोर्स में एक कोर्स फिजिकल मोड में दूसरा कोर्स ओपन व डिस्टेंस लर्निंग या ऑनलाइन मोड में या दोनों कोर्स ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग अथवा ऑनलाइन मोड में हों।

-दोनों पाठ्यक्रम समान स्तर के हों, यानी एक ग्रेजुएट स्तर का और दूसरा पीजी स्तर का कोर्स नहीं कर सकते हैं। दोनों कोर्स यूजीसी से मान्यता प्राप्त हों। यह एक ही संस्थान या दो अलग संस्थानों से भी किया जा सकता है।

क्या होगा फायदा
इस तरह के प्रोग्राम से समय की बचत होगी। साथ ही दो डिग्री लेकर छात्र दो अलग-अलग क्षेत्रों में अपना धरातल तैयार कर सकता है। यह विशेषकर उन क्षेत्रों में लाभकारी होता है, जहां बहु-क्षेत्रीय विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जैसे कि डेटा साइंस, बायोटेक्नोलॉजी या आर्थिक और कानूनी क्षेत्र। जो युवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में कुछ साल गंवा देते हैं, उनके लिए भी ये प्रोग्राम सहायक होंगे। दो डिग्री के साथ दो क्षेत्रों में नौकरी के अवसरों का आधार बनता है।

इन पर विचार करें
-दो डिग्री कोर्स एक साथ करने के मौके का इस्तेमाल खुद को स्किल देने में करें। एक डिग्री कोर्स और दूसरा डिप्लोमा कर सकते हैं।
-अगर आप एक साथ दो पाठ्यक्रमों के लिए टाइम मैनेजमेंट में सहज हैं, तो ये उपयुक्त होंगे। इसमें दो कोर्स का खर्च एक ही अवधि में होगा। इसके बारे में भी सोचें।

जानकारी कैसे लें
जहां प्रवेश ले रहे हैं उस विश्वविद्यालय से या उसके पोर्टल से जानकारी जरूर लें। यूजीसी की वेवबसाइट www.ugc.gov.in पर दो एकेडेमिक प्रोग्राम एक साथ करने से संबंधित सभी नियम दिए गए हैं। इस लिंक से भी पता कर सकते हैं- https//shorturl.at /mb8PB

चार साल का ऑनर्स कोर्स भी समझें
इस समय देश में बारहवीं के बाद चार वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स (ऑनर्स) भी उपलब्ध हैं और परंपरागत तीन वर्षीय भी। लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब नई शिक्षा नीति के अनुसार, चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू हो गया है। जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी। कई छात्र ऐसे पाठ्यक्रम में दाखिला ले तो रहे हैं, लेकिन चार साल पूरा करें या तीन साल में ही छोड़ दें, जैसी उलझनों में फंस भी रहे हैं। चार वर्षीय डिग्री (ऑनर्स) प्रोग्राम के तहत नियम है कि कोर्स का पहला साल पूरा करके छोड़ने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। दूसरे साल में डिप्लोमा और तीन साल में सामान्य डिग्री मिलेगी। चार साल में ऑनर्स। जैसे कॉमर्स (ऑनर्स) करने वाले छात्र को तीन साल के बाद बीकॉम की डिग्री मिलेगी और चार साल पूरे होने के बाद बीकॉर्म ऑनर्स। इस तरह छात्र ने जितने वर्ष प्रोग्राम को दिए हैं, वे बेकार नहीं जाएंगे। व्यावहारिक तौर पर सामान्य डिग्री भी आपको वहीं ले जाती है, जहां ऑनर्स पाठ्यक्रम। यहां इसे बीकॉम के उदाहरण से ही समझते हैं। यदि आप सीए, सीएस, एमकॉम या एमबीए करना चाहते हैं, तो इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपने सामान्य डिग्री कोर्स किया है या बीकॉम ऑनर्स। हां, ऑनर्स कोर्स आपको आगे के लिए तैयार कर देता है।

क्या होंगे फायदे
– जो लोग विदेश से आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत अच्छा है। अगर छात्र विदेश जाते हैं, तो वहां उन्हें एक साल का कोर्स अलग से नहीं करना होगा। क्योंकि विदेशी विश्वविद्यालयों में डिग्री पाठ्यक्रम चार वर्ष का होता है। वहीं सरकार की यह भी योजना है कि एमए को एक साल का कर दिया जाए।
– अगर आपको एक ही क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो बेहतर है चार साल का कोर्स पूरा कर लें।
– अकादमिक क्षेत्र में ही आगे नहीं जाना है, तो तीन साल बाद इसे छोड़ भी सकते हैं। फिर अलग से डिप्लोमा आदि से स्किल बनाएं।
– पढ़ाई का ज्यादा भार उठाने में कमजोर हैं, तो सामान्य डिग्री कोर्स चुनें।

ShareTweetSend

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our Visitor

137400

POPULAR NEWS

  • India shows way out to UN military observer group

    संरा के सैन्य पर्यवेक्षक समूह को भारत ने दिखाया बाहर का रास्ता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • प्रोपर्टी पर जिसका 12 साल से कब्जा, वही होगा मालिक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 12 साल से है जमीन पर कब्जा तो वही होगा असली मालिक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • गंगाजल खराब नहीं होता, लेकिन क्यों ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पृथ्वी का आखिरी देश जहां सूरज केवल 40 मिनट के लिए ही डूबता है

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Welcome To Blitz India Media

© 2023 Blitz India Media -BlitzIndia Building A New Nation

Navigate Site

  • About
  • Our Team
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • देश
  • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय
    • उत्तर-प्रदेश
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्री
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
  • ई-पेपर

© 2023 Blitz India Media -BlitzIndia Building A New Nation