गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। सफलता की कुछ कहानियां वाकई बहुत प्रेरित करती हैं। वे दिल को छू लेने वाली होती हैं। इसका एक बेहतरीन उदाहरण ज्योति रेड्डी की कहानी है। ज्योति कई चुनौतियों का सामना करते हुए आज एक अरब डॉलर की सॉफ्टवेयर कंपनी की सीईओ हैं। गरीबी से अमीरी के सफर में उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
16 साल की उम्र में हो गई शादी
ज्योति रेड्डी तेलंगाना से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दिहाड़ी-मजदूरी करते थे। पिता ने ज्योति को 8 साल की उम्र में अनाथालय भेज दिया था। वह कठिनाइयों के बीच पली-बढ़ीं। गरीब परिवार में पांच बच्चों में से दूसरी होने के नाते अनाथालय में रहते हुए उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। ज्योति के जीवन में तब बड़ा बदलाव आया जब 16 साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई। 18 साल की उम्र में वह दो बेटियों की मां बन गईं।
दैनिक मजदूरी पर खेतों में काम करना पड़ा
आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण ज्योति को कभी सिर्फ 5 रुपये की मामूली दैनिक मजदूरी पर खेतों में काम तक करना पड़ा था। उनकी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब केंद्र सरकार की एक योजना के तहत उन्हें टीचिंग का मौका मिला। हालांकि, यह इनकम नाकाफी थी।
इसके कारण उन्हें रात में सिलाई का काम भी करना पड़ता था। अपनी स्थिति सुधारने के लिए ज्योति रेड्डी ने ठान रखी थी। 1994 में उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की। फिर 1997 में काकतीय विश्वविद्यालय से पीजी किया। हालांकि, इन योग्यताओं की वजह से उन्हें अधिक कमाई करने में मदद मिली लेकिन, 398 रुपये प्रति माह अभी भी अपर्याप्त था।
विदेश में अवसरों का लगा पता
ज्योति रेड्डी के जीवन में एक अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव तब आया जब अमेरिका से आए एक रिश्तेदार ने ज्योति को विदेश में उपलब्ध मौकों का एहसास कराया। फिर ज्योति ने कंप्यूटर कोर्स किया। जब वह वहां काम करने के योग्य हो गईं तो अमेरिका चली गईं ं।
ऐसे खड़ी की करोड़ों की कंपनी
अमेरिका में भी ज्योति का जीवन आसान नहीं था। उन्होंने पेट्रोल पंप पर काम किया। इसके अलावा बेबीसिटर के रूप में नौकरी करने सहित कई तरह के छोटे-मोटे काम किए। उनकी पहली ठीक ठाक जॉब रिक्रूटमेंट प्रोफेशनल के तौर पर हुई थी। 2021 तक 40,000 डॉलर की बचत के साथ उन्होंने अपना खुद का कारोबार शुरू किया। इस पैसे से ज्योति ने की सोफ्टवेयर सोल्यूशन नाम की कंपनी शुरू की। कंपनी धीरे-धीरे बढ़ी। 2017 में यह एक अरब डॉलर की कंपनी बन गई थी।


















