ब्लिट्ज ब्यूरो
चंडीगढ़। नीतू ने 17 साल की उम्र में खेल को गंभीरता से लिया और 19 साल की उम्र में सीनियर वर्ग में राष्ट्रीय पदक विजेता बन गईं। दो साल बाद ब्राजील में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2015 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता। नीतू ने पिछले साल गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के 36वें संस्करण में 57 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था।
खेलने-कूदने की 13 साल की उम्र में उसे 43 वर्षीय व्यक्ति को बेच दिया गया। भागकर घर पहुंची तो माता-पिता ने एक बेरोजगार से शादी करा दी। सास की पेंशन से घर चलता था। एक साल बाद जुड़वां बच्चे हो गए। घर चलाने के लिए लोगों के घरों में नौकरानी, दर्जी का काम किया। फिर मैरीकॉम की कहानी सुनी और तय किया कि अपनी जिंदगी बदलनी है।



















