ललित दुबे
वाशिंगटन। भारतीयों की मेहनत, दक्षता और विश्वसनीयता की धमक पूरे विश्व में है। चर्चा करें अमेरिका की तो हर कंपनी की पहली पसंद भारतीय ही हैं। इसका उदाहरण यह है कि कुछ कंपनियों से विविध कारणों से छंटनी के शिकार 95 प्रतिशत एच-1बी वीसा धारक भारतीयों को अमेरिका में ही नई नौकरी मिल गई है। यह किसी भी राष्ट्रीयता में सबसे अधिक संख्या है। 2024 में अब तक 45 हजार भारतीय एच-1बी वीसा धारकों में से 95 प्रतिशत को नई नौकरी मिली। जबकि, 40 हजार चीनी एच-1बी वीसा धारकों में से केवल 35 से 40 प्रतिशत को ही नई नौकरी मिली।
नौकरी नहीं मिलने के कारण उन लोगों को अपने मूल देश या फिर अन्य देशों में शिफ्ट होना पड़ा है।
गूगल, मेटा और अमेजन में भारतीयों को सर्वाधिक नौकरी
गौरतलब है कि गूगल, मेटा और अमेजन जैसी कंपनियों में भारतीयों को सबसे ज्यादा नौकरियां मिलीं। दिलचस्प बात यह है कि नौकरी से निकाले गए भारतीय एच-1बी वीसा धारक सिलिकॉन वैली से ही थे। टेक्नोलॉजी सेक्टर में छंटनी के चलते एच-1बी वीसा धारकों के बीच निर्वासन से बचने के लिए 60 दिनों की समय सीमा के भीतर नई नौकरियां सुरक्षित करने की होड़ बढ़ा दी है।
टेक कंपनी छोड़ने वालों की अन्य सेक्टर में हायरिंग बढ़ी
रेवेलियो लैब्स के एक विश्लेषण में सामने आया है कि बाजार की अनिश्चितताओं के बावजूद कई कंपनियों ने बड़ी संख्या में एच- 1बी वीजा धारकों की रिहायरिंग की है, उन्हें फिर से काम पर रखा है।
एच-1बी वीसा वाले कर्मचारी नई भूमिकाओं को सुरक्षित करने के लिए जल्दी से स्थानांतरित हो जाते हैं, जिससे मूल श्रमिकों की तुलना में तेजी से नौकरी पाने में योगदान मिलता है। टेक उद्योग में छंटनी के कारण कई लोगों को पारंपरिक तकनीकी कंपनियों के बाहर विशेष तकनीकी पदों पर रोजगार मिला।
शिकागो जैसे शहरों में वीसा प्रायोजन में स्थानीय भागीदारी के लिए संभावित मॉडल प्रदर्शित करते हैं, जिससे संभावित रूप से संघीय वीसा बाधाओं को कम किया जा सकता है।
दो साल में 1.70 लाख लोगों की छंटनी हुई
2022 में कंपनियों ने कम से कम 85 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। इस छंटनी से कई भारतीय और चीनी कर्मचारी प्रभावित हुए थे। 2023 में भी प्रमुख एच-1बी नियोक्ताओं ने 85,000 छंटनी की घोषणा की, जो वार्षिक एच-1बी आवेदन सीमा के लगभग बराबर है।
इस साल कम वीसा के आवेदन करेंगी कंपनियां
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल भी कंपनियां कम वीसा के लिए आवेदन करेंगी। मेटा, गूगल और अमेजन जैसी बड़ी टेक कंपनियों द्वारा 2024 में कम एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने की उम्मीद है क्योंकि उन्होंने पहले ही बड़ी संख्या में भारतीयों को नौकरियां दे दी हैं।