ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अगर आप विदेश से एमबीबीएस करना चाहते हैं तो बिना समय गंवाए आवेदन कर दें।
दरअसल, ज्यादातर विदेशी यूनिवर्सिटी में 15 सितंबर तक एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई शुरू हो जाती है। बता दें कि विदेशी यूनिवर्सिटी के एमबीबीएस प्रोग्राम में एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया में लगभग 2-3 महीने लग जाते हैं। इसलिए 15 जुलाई तक विदेशी यूनिवर्सिटी की एमबीबीएस सीट के लिए आवेदन करना बेहतर रहेगा।
भारत में एमबीबीएस की फीस कितनी है?
भारत में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर पाना आसान नहीं है। कई देशों की तुलना में यहां की फीस बहुत ज्यादा है। भारत में 704 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी की फीस 3.65 लाख, सरकारी कॉलेज की 6.20 लाख, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 78.78 लाख और डीम्ड यूनिवर्सिटी की 1.22 करोड़ रुपये तक है।
इस साल करीब 23 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा दी थी। उनमें से 13 लाख स्टूडेंट्स पास हुए हैं। अब इन सभी को सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन तो मिल नहीं जाएगा।
विदेश में एमबीबीएस की फीस कितनी है?
ऐसे में हर साल लाखों स्टूडेंट्स भारत के बजाय विदेश से एमबीबीएस करने का फैसला लेते हैं। नेपाल, चीन, रूस, कजाकिस्तान, इजिप्ट, बांग्लादेश और जॉर्जिया जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है। इन देशों में एमबीबीएस की 16 हजार सीटें हैं।
अगर आपका बजट 25 से 50 लाख रुपये के बीच है तो आप विदेश से एमबीबीएस कर सकते हैं।
हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि मेडिकल कॉलेज की फीस के साथ ही आपके पास कुछ अन्य जरूरी खर्च का बजट भी होना चाहिए।
स्टूडेंट्स का फ्यूचर सवालों के घेरे में
इस साल एनटीए नीट परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स का फ्यूचर सवालों के घेरे में है। दरअसल, नीट यूजी पेपर लीक कांड ने इस पूरी परीक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स को उनकी मेहनत फेल होते हुए नजर आ रही है। जिन स्टूडेंट्स को मनपसंद मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल पाएगी या जो एमबीबीएस की फीस नहीं भर पाएंगे, उनके पास विदेशी यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने का ऑप्शन रहेगा।