ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई टालने के तरीकों पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की तत्काल जरूरत है। अदालत ने कहा कि भारत में लगभग छह प्रतिशत आबादी मुकदमेबाजी में उलझी है, ऐसे में अदालतों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
मामलों के जल्द निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जिला और तालुका स्तर पर सभी अदालतों को नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश-5, नियम (2) के तहत निर्धारित समयबद्ध तरीके से समन की तामील कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि मुकदमे के बाद मौखिक दलीलें तुरंत और लगातार सुनी जाएंगी और निर्धारित अवधि में फैसला सुनाया जाएगा।