ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने की घोषणा कर दी है। सरकार एक अप्रैल 2025 से यूपीएस को लागू कर देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देने वाली नई योजना का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय कर्मियों को लाभ मिलेगा। यदि राज्य सरकारें इस पर अमल करती हैं तो लाभार्थियों की संख्या 90 लाख हो जाएगी। यूपीएस में खास बात यह है कि वर्ष 2004 से सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को एरियर दिया जाएगा। विदित हो कि वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी। अब सरकार ने अपना अंशदान बढ़ाकर यूपीएस को ज्यादा लाभकारी बनाया है और विश्वास जताया कि 99 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे।
नई पेंशन योजना (एनपीएस) वाले कर्मचारी भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं लेकिन यह फैसला करने का अवसर एक बार ही मिलेगा। वैष्णव ने बताया, पुरानी पेंशन योजना समाप्त होने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। जो राशि एनपीएस में ले चुके हैं उसको समयोजित कर बाकी एरियर ब्याज (पीपीएफ का ब्याज) सहित भुगतान किया जाएगा। इस पर सरकार 800 करोड़ खर्च करेगी। मेडिकल भुगतान का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा।
इस तरह मिलेगा लाभ
1- 12 माह की औसत पेंशन : यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के पहले 12 माह की औसत बेसिक वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसकी योग्यता के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। 25 साल से कम लेकिन दस साल से ज्यादा की नौकरी होने पर पेंशन आनुपातिक रूप से कम हो जाएगी।
2- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन : मृत्यु पर पत्नी या पति को 160 प्रतिशत भुगतान। सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात फैमिली पेंशन के तहत पत्नी अथवा पति को 60 फीसदी पेंशन दी जाएगी। इसकी गणना कार्यरत कर्मचारी की मौत होने के समय जो उसकी पेंशन बनेगी, उस हिसाब से की जाएगी।
3- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन : 10 वर्ष की नौकरी होने पर 10,000 प्रति माह सरकार ने न्यूनतम पेंशन का भी प्रावधान किया है। सरकार डीए के बजाए डीआर देगी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर पेंशन का डीआर का मूल्यांकन किया जाएगा।
एकमुश्त ग्रेच्युटी भुगतान का फैसला
केंद्रीय कैबिनेट ने एकमुश्त ग्रेच्युटी भुगतान का फैसला किया है। यह हर छह माह में सेवा पर मासिक वेतन के डीए का 10 फीसदी होगा यानी 30 साल की नौकरी पर छह माह का वेतन और डीए मिलेगा। कर्मचारियों पर पेंशन योजना का कोई भार नहीं बढ़ेगा। अभी वह पहले की तरह ही 10 फीसदी अंशदान करते हैं, लेकिन जो सरकार 10 साल पहले 10 फीसदी अंशदान करती थी उसका मोदी सरकार ने सरकारी अंशदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। अब यह बढ़कर 18.5 फीसदी कर दिया गया है। कैबिनेट के निर्णय के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कर्मचारियों की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन वित्त सचिव टीवी सोमनाथ की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति ने बहुत ही गहनता से अध्ययन किया और उसी के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।
नई पेंशन योजना (एनपीएस) जो वर्तमान में लागू
– नई पेंशन स्कीम में एक निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं
– इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है
– एनपीएस शेयर मार्केट के प्रदर्शन पर आधारित होता है, इसलिए इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है
– सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है
– इसमें छह महीने बाद मिलने वाले डीए एवं महंगाई भत्ता दिए जाने का भी कोई का प्रावधान नहीं
– सरकार मूल वेतन का अपनी तरफ से 10 फीसदी योगदान करती है, कई कर्मचारी संगठन इसे लेकर असंतुष्ट हैं।
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जो खत्म कर दी थी
– सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
– पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
– 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
– सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
– जनरल प्रोविडेंट फंड का प्रावधान है।
– इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (डीए) का प्रावधान है
देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूपीएस इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार
– 23 लाख कर्मचारी होंगे लाभान्वित, डीए भी मिलेगा
– राज्यों के लागू करने पर यह संख्या होगी 90 लाख
– 25 साल का सेवाकाल होना जरूरी
– 10 साल नौकरी करने वालों को मिलेगी 10 हजार रुपए पेंशन
– 60 प्रतिशत पेंशन मृत्यु के उपरांत आश्रित को मिलेगी
ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने की घोषणा कर दी है। सरकार एक अप्रैल 2025 से यूपीएस को लागू कर देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देने वाली नई योजना का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय कर्मियों को लाभ मिलेगा। यदि राज्य सरकारें इस पर अमल करती हैं तो लाभार्थियों की संख्या 90 लाख हो जाएगी। यूपीएस में खास बात यह है कि वर्ष 2004 से सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को एरियर दिया जाएगा। विदित हो कि वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी। अब सरकार ने अपना अंशदान बढ़ाकर यूपीएस को ज्यादा लाभकारी बनाया है और विश्वास जताया कि 99 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे।
नई पेंशन योजना (एनपीएस) वाले कर्मचारी भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं लेकिन यह फैसला करने का अवसर एक बार ही मिलेगा। वैष्णव ने बताया, पुरानी पेंशन योजना समाप्त होने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। जो राशि एनपीएस में ले चुके हैं उसको समयोजित कर बाकी एरियर ब्याज (पीपीएफ का ब्याज) सहित भुगतान किया जाएगा। इस पर सरकार 800 करोड़ खर्च करेगी। मेडिकल भुगतान का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा।
इस तरह मिलेगा लाभ
1- 12 माह की औसत पेंशन : यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के पहले 12 माह की औसत बेसिक वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसकी योग्यता के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। 25 साल से कम लेकिन दस साल से ज्यादा की नौकरी होने पर पेंशन आनुपातिक रूप से कम हो जाएगी।
2- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन : मृत्यु पर पत्नी या पति को 160 प्रतिशत भुगतान। सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात फैमिली पेंशन के तहत पत्नी अथवा पति को 60 फीसदी पेंशन दी जाएगी। इसकी गणना कार्यरत कर्मचारी की मौत होने के समय जो उसकी पेंशन बनेगी, उस हिसाब से की जाएगी।
3- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन : 10 वर्ष की नौकरी होने पर 10,000 प्रति माह सरकार ने न्यूनतम पेंशन का भी प्रावधान किया है। सरकार डीए के बजाए डीआर देगी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर पेंशन का डीआर का मूल्यांकन किया जाएगा।
एकमुश्त ग्रेच्युटी भुगतान का फैसला
केंद्रीय कैबिनेट ने एकमुश्त ग्रेच्युटी भुगतान का फैसला किया है। यह हर छह माह में सेवा पर मासिक वेतन के डीए का 10 फीसदी होगा यानी 30 साल की नौकरी पर छह माह का वेतन और डीए मिलेगा। कर्मचारियों पर पेंशन योजना का कोई भार नहीं बढ़ेगा। अभी वह पहले की तरह ही 10 फीसदी अंशदान करते हैं, लेकिन जो सरकार 10 साल पहले 10 फीसदी अंशदान करती थी उसका मोदी सरकार ने सरकारी अंशदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। अब यह बढ़कर 18.5 फीसदी कर दिया गया है। कैबिनेट के निर्णय के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कर्मचारियों की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन वित्त सचिव टीवी सोमनाथ की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति ने बहुत ही गहनता से अध्ययन किया और उसी के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।
नई पेंशन योजना (एनपीएस) जो वर्तमान में लागू
– नई पेंशन स्कीम में एक निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं
– इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है
– एनपीएस शेयर मार्केट के प्रदर्शन पर आधारित होता है, इसलिए इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है
– सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है
– इसमें छह महीने बाद मिलने वाले डीए एवं महंगाई भत्ता दिए जाने का भी कोई का प्रावधान नहीं
– सरकार मूल वेतन का अपनी तरफ से 10 फीसदी योगदान करती है, कई कर्मचारी संगठन इसे लेकर असंतुष्ट हैं।
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जो खत्म कर दी थी
– सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
– पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
– 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
– सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
– जनरल प्रोविडेंट फंड का प्रावधान है।
– इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (डीए) का प्रावधान है
देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूपीएस इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार
– 23 लाख कर्मचारी होंगे लाभान्वित, डीए भी मिलेगा
– राज्यों के लागू करने पर यह संख्या होगी 90 लाख
– 25 साल का सेवाकाल होना जरूरी
– 10 साल नौकरी करने वालों को मिलेगी 10 हजार रुपए पेंशन
– 60 प्रतिशत पेंशन मृत्यु के उपरांत आश्रित को मिलेगी