ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। 200 वंदे भारत ट्रेनें बनाने का टेंडर रूस-भारतीय कंसोर्टियम- ट्रांसमाशहोल्डिंग (टीएमएच) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को मिला है। रूस से और ट्रेन के पहिए भारत को मिलने की उम्मीद है। विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन 64 पहियों पर चलती है और 200 ट्रेनों के लिए पहियों की कुल संख्या 12,800 होगी।
टीएमएच-आरवीएनएल कंसोर्टियम 200 वंदे भारत ट्रेनों को 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन बनाने के लिए सबसे कम बोली लगाने वाला टेंडरकर्ता रहा। टेंडर का कुल मूल्य 24,000 करोड़ रुपये है। अधिकारियों ने कहा कि न केवल भारत की प्रतिष्ठित वंदे भारत, बल्कि कई अन्य ट्रेनें आयातित पहियों पर चल रही हैं। भारत सरकार ने कुल 400 वंदे भारत ट्रेनें बनाने के अपने फैसले की घोषणा की थी।
15 प्रतिशत आयातित सामग्री
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने बताया, वंदे भारत में लगभग 15 प्रतिशत आयातित सामग्री है। आयातित वस्तुओं में पहिये भी हैं। उन्होंने कहा कि रोलिंग आउट व्हील्स में क्षमता की कमी के कारण इस मद का आयात किया जा रहा है।
रूस और अन्य देशों से आयात
आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, वंदे भारत के लिए पहिए पहले यूक्रेन से आयात किए जाते थे लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहिए चीन, रूस और अन्य देशों से आयात किए जा रहे हैं। मणि के मुताबिक भारतीय रेलवे की तरफ से पर्याप्त मांग है और व्हील मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाई जा सकती है।