ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बीएमसी की अभय योजना को मुंबईकरों से ठंडा रिस्पॉन्स मिला है। फरवरी, 2020 में कोरोना संकट के दौरान पानी बिल के बकाएदार मुंबईकरों को राहत देने के लिए अभय योजना शुरू की थी लेकिन पिछले चार साल में अब तक सिर्फ 1,70,363 लोगों ने ही अभय योजना का लाभ उठाया है, जबकि मुंबईकरों पर पानी बिल का 975 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। बीएमसी नियम के अनुसार समय पर बिल का भुगतान नहीं करने पर हर माह भुगतान राशि का दो प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। अतिरिक्त शुल्क न भरना पड़े, इसलिए बीएमसी ने वर्ष 2020 में अभय योजना शुरू की। पानी कनेक्शन धारकों को एकमुश्त बकाया राशि भरने पर अभय योजना का लाभ मिलता है।
स्लम एरिया का बुरा हाल
पिछले पांच सालों में 2 लाख से ज्यादा मुंबईकरों ने अपने पानी के बिल का भुगतान समय पर नहीं किया है। इसमें स्लम एरिया से पानी का बिल न भरने वालों की संख्या काफी अधिक है। बीएमसी जलापूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबईकरों को पानी का बिल समय पर भेजा जाता है, बिल न भरने वालों का कनेक्शन भी काट दिया जाता है। पानी बिल भरने की समस्या रिहायशी इलाकों में ज्यादा नहीं आती है। क्योंकि वहां एक कनेक्शन काटने पर पूरी बिल्डिंग की पानी आपूर्ति बंद हो जाती है। लेकिन मुंबई में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी स्लम में रहती है। यहां से बिल वसूलना सबसे बड़ी समस्या है।
गांधीगीरी का भी सहारा
स्लम में पानी का बिल वसूलने के लिए अब गांधीगीरी का भी सहारा लिया जाएगा। बीएमसी झोपड़पट्टियों से बकाया पानी बिल की वसूली के लिए महिला बचत समूहों से मदद लेने की योजना बना रही है। ये महिलाएं लोगों से पानी का बकाया बिल भरने के लिए अनुरोध करेंगी। बीएमसी को उम्मीद है कि इस प्रयोग से पानी का बिल बकाएदारों से भरवाने में काफी मदद मिलेगी।
कैसे उठाएं अभय योजना का लाभ
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ अन्य सभी वॉटर कनेक्शन के लिए जल शुल्क के बकाया भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए बीएमसी ने सबसे पहले वर्ष 2010-11 और 2014-15 में दो बार अभय योजना लागू की थी। इस योजना का मूल उद्देश्य बकाया वसूल कर राजस्व बढ़ाना है। 15 फरवरी, 2020 से कोरोना लहर की समाप्ति तक अभय योजना को मंजूरी दी गई। मुंबईकरों को राहत देने के लिए अभय योजना अब भी लागू है।
इसके तहत जल कनेक्शन धारक को जल बकाया की एकमुश्त राशि का भुगतान करने पर इसमें शामिल अतिरिक्त राशि से छूट दी जाती है। नागरिक आसानी से बिल भर सकें इसके लिए बीएमसी ने सिटिजन पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं। पानी कनेक्शन धारक MyBMC24x7 एप के माध्यम से अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करके घर से ही बिल भर सकते हैं।
यहां है ज्यादा बकाया
वडाला का संगम नगर और सायन कोलीवाडा के अलावा गोवंडी, मानखुर्द, शिवाजी नगर एरिया में बड़ी संख्या में लोगों के वॉटर बिल बकाया हैं। इसके अलावा कफ परेड स्लम, बांद्रा, विले पार्ले, अंधेरी, जोगेश्वरी, गोरेगांव, मालाड, कांदिवली, बोरीवली और दहिसर स्लम के बहुसंख्यक लोगों ने पानी के बिल जमा नहीं किए हैं।
क्या है बकाया बिलों की ‘राजनीति’?
बकाया बिल का पैसा लेने बीएमसी अधिकारी स्लम इलाकों में जाने से बचते हैं, जबकि बड़े बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। बीएमसी में कर्मचारियों की संख्या में कमी भी योजना की विफलता का एक कारण है। बीएमसी प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए जागरूकता अभियान चलाती है, प्रॉपर्टी जब्त करती है, लेकिन राजनीतिक दबाव की वजह से पानी बिल भरवाने के लिए बकाएदारों पर दबाव नहीं बना पाती। बीएमसी अधिकारी मानते हैं कि दबाव के कारण ही हम रेलवे, एमएमआरडीए, मंत्रियों के बंगले, कार्यालयों के कनेक्शन नहीं काट पाते हैं।