ब्लिट्ज ब्यूरो
नादेड़। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के होट्टल गांव में संरक्षण कार्य के दौरान पुरातत्व विभाग को शिव मंदिर का बुनियादी ढांचा मिला है। एक अधिकारी ने बताया कि चालुक्य काल के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध होट्टल में संरक्षण कार्य के दौरान पुरातत्व विभाग को तीन शिलालेख मिले हैं, जिनमें उन दानदाताओं का उल्लेख है जिन्होंने 1070 ई. के आसपास इन मंदिरों के निर्माण में योगदान दिया।
यह क्षेत्र कभी कल्याणी चालुक्यों की राजधानी रहा है और अपने मंदिर परिसरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित कुछ ऐतिहासिक मंदिरों के संरक्षण कार्य के दौरान पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की टीम ने एक मंदिर के पास मलबा साफ करते समय शिव मंदिर के बुनियादी ढांचे की खोज की।
राज्य पुरातत्व विभाग के नांदेड़ संभाग के प्रभारी अमोल गोटे ने बताया, ‘संरचना का पता लगाने के लिए चार गड्ढे खोदे गए और यहां भगवान शिव के मंदिर की बुनियाद मिली, जिसमें शिवलिंग भी था। इसके अतिरिक्त, हमें बड़ी संख्या में ईंटें भी मिलीं हैं।
यहां भी मौजूद है 11वीं सदी का शिव मंदिर
अंबरनाथ का शिव मंदिर 11वीं शताब्दी का ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है, जिसमें आज भी पूजा की जाती है। यह मंदिर मुंबई के पास अंबरनाथ में स्थित है। इसे अंबरेश्वर शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय रूप से इसे पुरातन शिवालय के नाम से जाना जाता है। यह अंबरनाथ रेलवे स्टेशन (पूर्व) से 2 किमी दूर (वालधुनी) नदी के तट पर स्थित है।
मंदिर का निर्माण 1060 ई. में पत्थरों पर खूबसूरती से तराश कर किया गया था। इसे संभवतः शिलाहार राजा चित्तराज ने बनवाया था।