ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हरियाणा के झज्जर जिले की निशा सोलंकी ने कुछ ऐसा करके दिखाया जो सबसे अलग है। निशा बचपन से ही चाहती थी कि उसके नाम के आगे पायलट शब्द जुड़े। अब पायलट शब्द साथ जुड़ चुका है लेिकन विमान या हेलिकॉप्टर की नहीं, वह हरियाणा की पहली महिला ड्रोन पायलट बन चुकी हैं। निशा का लक्ष्य किसानों को टेक फ्रेंडली बनाना है। निशा ने हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की। उन्होंनेे बीटेक के बाद 4 साल कृषि फर्म में नौकरी की। इसके बाद निशा ने मास्टर्स डिग्री करने का फैसला लिया। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के एचएयू में ही एमटेक में एडमिशन लिया। इस दौरान ‘आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन’ के डायरेक्टर दीपक भारद्वाज से मिली और उनसे पता चला कि ड्रोन पायलट बनने के लिए चाहे तो सर्टिफाइड ड्रोन पायलट कोर्स भी कर सकती हैं। निशा ने फिर लीक से हटकर इस कोर्स को किया। इस कोर्स को करने के लिए रिटन टेस्ट और सिम टेस्ट क्वालीफाई करना पड़ता है। सिम टेस्ट करने के बाद ही वो फ्लाइंग और ड्रोन इंस्ट्रक्टर के तौर पर ट्रेनिंग देते हैं। फिलहाल निशा का कोर्स पूरा हो गया है और वह एक सर्टिफाइड और हरियाणा की पहली महिला ड्रोन पायलट बन चुकी है।
पीएम मोदी से मिलने का मौका मिला
दिल्ली के प्रगति मैदान में ड्रोन फेस्टिवल में भी हिस्सा लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका मिला। प्रधानमंत्री ने मेरे काम की बहुत सराहना की और काम करते रहने का हौसला दिया। हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा जी ने भी मुझे किसानों के टेक्नॉलॉजी के साथ जोड़ने के इस प्रयास के लिए सराहा है।