नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 वेबिनार में देश के भविष्य की विराट रूपरेखा तैयार की है। पीएम के विजन में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि हमें अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वर्तमान में क्या करने की आवश्यकता है। इस मिशन, मुहिम में देश के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी की आवश्यकता है।
भारत 5-ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी के कुशल, प्रखर व साहसी नेतृत्व में तेज विकास के बूते 10 ट्रिलियन इकोनॉमी का स्तर भी देश छू सकता है। इस दमदार आर्थिक उपलब्धि के लिए मार्गदर्शक केंद्र सरकार के वे सात सार तत्व, सात ‘सप्तऋषि’ प्राथमिकताएं होंगी जो बजट 2023 में अच्छी तरह से प्रतिपादित की गई थीं। अमृत काल (अगले 25 साल) का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन प्राथमिकताओं को भारत के लिए आर्थिक मोड़ के रूप में पेश किया। इनमें शामिल हैं- समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, संसाधनों को दबाव से मुक्त करना; ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय सेक्टर। प्रधानमंत्री मोदी भी इस बारे में विस्तार से बता चुके हैं।
कैसा होगा परिवर्तन का स्वरूप : 23 फरवरी और 11 मार्च के बीच आयोजित 12 महत्वपूर्ण पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सात सार तत्वों पर बात की कि वे कैसे परिवर्तनकारी होंगे।
इस श्रंखला का आयोजन विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा किया गया था। ये सात सार तत्व 2014 में इस सरकार के सत्ता संभालने के बाद से शुरू की गई बजटीय सुधारों की सतत प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं।
सबसे बड़ा सुधार: सबसे बड़ा सुधार बजट को 1 फरवरी तक आगे बढ़ाना था ताकि मंत्रालयों और विभागों को बजट में उल्लिखित योजनाओं, विजन पर मानसून की शुरुआत से पहले काम करने का पर्याप्त समय मिल सके, साथ ही बजट में आवंटित धन का उचित उपयोग भी किया जा सके।
हर वेबिनार एक विजन स्टेटमेंट : बजट के बाद के वेबिनार का विचार इस दिशा में एक और बड़ा कदम था। बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन में तालमेल लाने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए बजट के बाद के वेबिनार की परिकल्पना स्वयं प्रधानमंत्री ने की थी। प्रत्येक वेबिनार इस दिशा में एक विजन स्टेटमेंट है कि हम देश को अगले दो दशकों में कितना आगे ले जाएंगे। महत्वपूर्ण क्षेत्रों की विस्तृत श्रंखला में मूलभूत परिवर्तन भी शामिल हैं। हमें न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है बल्कि फास्ट-ट्रैक सिस्टम और मजबूत नियामक भी बनाना है तभी बड़ी संख्या में नागरिक इन कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं।
भागीदारी से पीएम प्रसन्न : बुनियादी ढांचा और निवेश पर आठवें वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की थी कि वेबिनार में 700 से अधिक सीईओ और एमडी के साथ सैकड़ों हितधारकों ने भाग लिया और सरकार की भावना व मिशन को समझा।
पांच गुना बढ़ा पूंजीगत व्यय : प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को बताया कि भारत का पूंजीगत व्यय 2013-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ गया है और सरकार नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 110 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। पीएम बोले, यह प्रत्येक हितधारक के लिए नई जिम्मेदारियों, नई संभावनाओं और साहसिक निर्णयों का समय है । ‘हरित विकास’ पर पहले वेबिनार में प्रधानमंत्री ने तीन स्तंभों को रेखांकित किया।
पहला, नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना, दूसरा, अर्थव्यवस्था में जीवाश्म ईं ंधन के उपयोग को कम करना और तीसरा, देश में तेजी से गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना । उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी स्थिति दुनिया में बड़ा परिवर्तन सुनिश्चित करेगी। इस वित्त वर्ष का बजट भारत को वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह बजट न केवल एक अवसर है, बल्कि इसमें हमारे भविष्य की सुरक्षा की गारंटी भी शामिल है। पीएम बोले, इसे देखें और अपने दोस्तों और सहकर्मियों को इसे देखने के लिए कहें। इस महान राष्ट्र को बदलने में हममें से प्रत्येक की भूमिका है।
– समावेशी विकास
– अंतिम छोर तक पहुंचना
– बुनियादी ढांचा और निवेश
– दबाव मुक्त संसाधन
– ग्रीन ग्रोथ
– युवा शक्ति
– वित्तीय सेक्टर