नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग के तहत ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों की मीटिंग हुई। जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के एक दिन बाद हुई इस मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा- भारत इंडो-पैसिफिक की बड़ी ताकत है। भारत के बिना इस पूरे इलाके में किसी तरह का बदलाव ला पाना मुश्किल है।
मीटिंग के बाद घोषणा की गई कि अब से ‘क्वाड’ देश आतंकवाद के खिलाफ भी एक साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके लिए वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे। ज्वाइंट स्टेटमेंट में 26/11 और पठानकोट में हुए आतंकी हमले की निंदा भी की गई है।
चीन नियमों का पालन करे
जापान के विदेश मंत्री योशीमाशा हयाशी ने इस मीटिंग में कहा कि ‘क्वाड’ कोई मिलिट्री ग्रुप नहीं है। हम चीन को भी इससे बाहर नहीं रखना चाहते। बशर्ते वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने को तैयार हो। हयाशी ने ‘क्वाड’ की तुलना इंग्लिश म्यूजिक बैंड बीटल्स से की। उन्होंने कहा कि बीटल्स के चार म्यूजिशियन्स की तरह हम भी सालों तक एक साथ रहेंगे और मिलकर काम करेंगे।
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘क्वाड’ 2023 में भी अपना काम बखूबी कर रहा है क्योंकि हमारी लीडरशिप पर किसी तरह का दबाव नहीं है। जयशंकर ने यूएन में नए बदलावों पर भारत की पुरानी मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारी मांग का बाकी 3 देश भी समर्थन करते हैं। चारों देशों के बीच काउंटर टेररिज्म को लेकर काम करने की सहमति बनी है।
अमेरिका के लिए यूक्रेन बड़ा मुद्दा
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन के दबदबे को कम करने के लिए बनाए गए ‘क्वाड’ की बैठक में भी यूक्रेन जंग को लेकर रूस की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि रूस जो कुछ भी यूक्रेन में कर रहा है, अगर उसे रोका नहीं गया तो दुनिया में गलत मैसेज जाएगा। इससे दूसरे आक्रामक देशों को लगेगा कि वो भी इस तरह की हरकत कर बच सकते हैं। एंटनी के इस कमेंट के दौरान ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के योशीमाशा हयाशी मौजूद थे। रायसीना डायलॉग में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का फोकस यूक्रेन जंग पर रहा।
अभी फोकस पर यूक्रेन
ब्लिंकन ने कहा कि हमारा भविष्य इंडो पैसिफिक में है। हालांकि, अभी फोकस रूस की वजह से यूक्रेन पर है। वहां जो कुछ हो रहा है वो सिर्फ यूक्रेनी और यूरोप के लोगों का मामला नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है। ब्लिंकन ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि अभी ‘क्वाड’ देशों के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
चार देशों का गठबंधन ‘क्वाड’
क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी ‘क्वाड’ चार देशों- अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक रणनीतिक गठबंधन है। इसका गठन 2007 में हुआ था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘क्वाड’ के गठन का प्रमुख अघोषित उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र यानी हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के बीच पड़ने वाले इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाना है। साथ ही इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों को चीनी प्रभुत्व से बचाना भी है। हाल के वर्षों में चीन ने न केवल भारत पर बढ़त बनाने के लिए हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं, बल्कि पूरे साउथ चाइना सी पर अपना दावा भी ठोका है। उसके इन कदमों को सुपर पावर बनने की कोशिशों के तौर पर देखा जाता है। यही वजह है कि अमेरिका भारत के साथ मिलकर ‘क्वाड’ के विस्तार पर काम कर रहा है, ताकि चीन के इन मंसूबों पर पानी फेरा जा सके।