ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए वर्ष के प्रथम ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों की कहानियां बताईं ंऔर लोगों से उनके जीवन की प्रेरक कहानियां पढ़ने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है। सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है| स्वभाव से हम एक डेमोक्रेसी सोसाइटी हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम का यह 97वां एपिसोड था।
आदिवासियों को पद्म पुरस्कार
मोदी ने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं की एक बड़ी संख्या आदिवासी समुदायों और आदिवासी समाज से जुड़े लोगों से आती है। आदिवासी जीवन शहर के जीवन से अलग है, इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं। इन सबके बावजूद आदिवासी समाज अपनी परंपराओं को बचाने के लिए हमेशा आतुर रहता है। टोटो, हो, कुई, कुवी और मांडा जैसी आदिवासी भाषाओं पर काम करने वाली कई महान हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिल चुके हैं। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। सिद्दी, जारवा और ओंगे आदिवासियों के साथ काम करने वालों को इस बार भी पुरस्कृत किया गया है।
श्रमिकों को देखकर अच्छा लगा
पीएम बोले, गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवार और सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी भी काफी सराहना हो रही है।
बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना
डॉ अंबेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां प्रस्ताव, संकल्प, कोरम और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे।
बाबासाहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी।
दिलचस्प किताब
पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक दिलचस्प किताब का जिक्र करूंगा। इसका नाम इंडिया- द मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। इसमें कई बेहतरीन कहानियां हैं। इसको सभी को पढ़ना चाहिए।
भारत को टीबी मुक्त करना है
पीएम मोदी ने कहा कि हमने भारत से स्मॉलपॉक्स, पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म करके दिखाया है। सबकी कोशिश से कालाजार नाम की बीमारी अब तेजी से खत्म हो रही है। इसी भावना से हमें भारत को 2025 तक टी.बी. मुक्त करना है। आपने देखा होगा कि जब टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ, तो हजारों लोग मरीजों की मदद के लिए आगे आए।
लोगो व जिंगल बनाने का मौका
‘मन की बात’ कार्यक्रम का अप्रैल में 100वां एपिसोड होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने लोगो और जिंगल बनाने का कंपीटीशन रखा है। यह 18 जनवरी से शुरू हो चुका है।