ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) को मार्केट रेगुलेटर सेबी से सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि हम एनएसई पर एक सेगमेंट के रूप में एसएसई को लॉन्च करने पर काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा। इसका मतलब कि, अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (एनपीओ व ऐसे अन्य संस्थान) भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे।
क्या है एसएसई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के अपने बजट भाषण में एसएसई का जिक्र किया था। भारत में एसएसई एक नया कॉन्सेप्ट है। इसके लिए फ्रेमवर्क पिछले साल जुलाई में जारी किया गया, जो सेबी द्वारा गठित एक वर्किंग ग्रुप और टेक्निकल ग्रुप की सिफारिशों के आधार पर था। इसका उद्देश्य निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को अधिक धन जुटाने का अवसर देना है। सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) के लिए फ्रेमवर्क 19 सितंबर को पेश किया। इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से ही एसएसई काम कर रहे हैं। जिस तरह मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंज होते हैं उसी तरह नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस (एनपीओ) के लिए एसएसई होते हैं। नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन जैसे की एनजीओ भी इसमें शामिल हैं। अगर कोई कंपनी एक्सचेंज पर लिस्ट होना चाहती है तो पहले उसे अपना रजिस्ट्रेशन एनपीओ के रूप पर कराना होगा। भारत में करीब 31 लाख एनपीओ होने के कारण देश में इस एक्सचेंज के लिए काफी संभावनाएं देखी जा रही हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि एक इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है, जिससे समाज की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों को लिस्टेड करने और फंड जुटाने में मदद की जाएगी। अब एनजीओ के शेयरों को आम आदमी/ निवेशक में खरीद-बिक्री कर सकेगा। ये एक तरह से शेयर बाजार की तरह ही काम करेगा।