ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। एआई के गलत इस्तेमाल के मामले में सरकार सतर्क हो गई है। रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था। ऐसे में सरकार ने एआई मॉडल बनाने से पहले अनिवार्य इजाजत लेने का एलान किया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के नाम पर मार्केट में गजब का गोरखधंधा चल रहा है। इसके नाम पर किसी की प्राइवेसी का उल्लंघन किया जा रहा है। साथ ही उसे बदनाम किया जा रहा है। ऐसे में सरकार सतर्क हो गई है। हाल ही में रश्मिका मंधाना की डीपफेक वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया था। साथ ही डीपफेक की मदद से बैंकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने साफ कर दिया है कि एआई मॉडल बनाने से पहले सरकार से परमिशन लेना अनिवार्य होगा।
सरकार ने जारी की गाइडलाइन
यूनियन मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म को एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। सरकार ने साफ कर दिया है किसी भी एआई जनरेटेड कंटेंट पर लेबलिंग की जाएगी, जिससे पहचान किया जा सके कि यह एक एआई जनरेटेड कंटेंट है। इसकी मदद से भ्रामक और डीपफेक पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।