वाशिंगटन। दुनिया में हर किसी को नींद प्यारी होती है। जब कोई व्यक्ति ज्यादा काम के बाद छुट्टी पर जाता है तो उसके मुंह से सबसे पहले निकलेगा कि वह खूब सोएगा। डॉक्टर भी कहते हैं कि एक वयस्क व्यक्ति को कम से कम 7 से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए। कम उम्र के ज्यादा लोग सोते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों की नींद भी कम होने लगती है। हाल में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि 33से 53 साल की उम्र के बीच के लोग सबसे कम सोते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह अध्ययन 63 देशों के 7, 30,187 लोगों पर किया गया। इसका मकसद यह बताना था कि जीवनभर नींद के पैटर्न कैसे बदलते हैं और देशों के बीच कैसे भिन्न होते हैं। शोध के मुताबिक, 33 साल की उम्र के बाद लोगों की नींद कम होनी शुरू हो जाती है और 53 साल की उम्र के बाद नींद बढ़ने लगती है। यानी इस 20 साल के अंतराल में लोग सबसे कम नींद लेते हैं।
महिलाओं की औसत नींद 7.5 घंटे रही
शोध में यह भी पता चला है कि जो लोग इसमें शामिल हुए, उनमें पुरुषों की औसत नींद 7.01 घंटे तथा महिलाओं की औसत नींद 7.5 घंटे की रही। शोध में शामिल 19 साल के लोग सबसे ज्यादा सोते पाए गए। वहीं 30 साल तक पहुंचते-पहुंचते नींद कम होने लगी। इसके बाद 53 साल के बाद एक बार फिर नींद बढ़ गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि 54-70 वर्ष की आयु वर्ग को छोड़कर औसत नींद की अवधि सात घंटे थी।
एशिया की तुलना में यूरोप के लोगों ने ज्यादा नींद ली
शोध में देखा गया कि ईस्टर्न यूरोपियन अल्बानिया, स्लोवाकिया, रोमानिया और चेक रिपब्लिक के लोग दक्षिण पूर्व एशियाई देशों फिलीपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया के लोगों की तुलना में हर दिन 20 से 40 मिनट ज्यादा सोए। वहीं ब्रिटेन के लोगों को औसत से कम नींद आई।
काम के बोझ का असर
यह शोध ब्रिटेन की यूसीएल, ईस्ट एंजिला यूनिवर्सिटी और फ्रांस की ल्योन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने संयुक्त रूप से किया। नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध में बताया गया कि 33 से 53 साल के बीच के लोग काम के अधिक बोझ और कामकाजी जीवन और बच्चों की देखभाल की वजह से कम नींद लेते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि ब्रिटेन के लोग औसत से थोड़ा कम सोते हैं। वहीं, भूमध्य रेखा के करीब देशों के लोग भी थोड़ा कम सोते हैं।
यह पहला बड़ा अध्ययन
शोधकर्ता प्रोफेसर ह्यूगो स्पियर्स ने कहा, पिछले अध्ययनों में उम्र और नींद की अवधि के बीच संबंध पाया गया है, लेकिन जीवन के इन तीन अलग-अलग चरणों की पहचान करने वाला यह पहला बड़ा अध्ययन है।
हमने पाया कि दुनिया भर में, लोग मध्य-वयस्कता के दौरान कम सोते हैं, लेकिन औसत नींद की अवधि क्षेत्रों और देशों के बीच भिन्न होती है।
– मधुमेह
– स्ट्रोक
– उच्च रक्तचाप
– मोटापा
– अवसाद
– बेचैनी