ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 के तहत खादी के वस्त्रों को ब्रांड के रूप में पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार प्रदेश, देश के अन्य राज्यों एवं विदेश में खादी के चेन आउटलेट खोलने पर 12 करोड़ रुपये तक अनुदान देगी।
हथकरघा निर्मित वस्त्रों को ब्रांड बनाने के लिए योगी सरकार लाई उप्र वस्त्र एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022
इतना ही नहीं योगी सरकार प्रदेश के युवाओं को संगठित होकर वस्त्रों की बिक्री के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी बनाने पर रजिस्ट्रेशन से लेकर उसे शुरू करने के दौरान आने वाले खर्च पर 75 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति कंपनी अनुदान देगी। इन सभी में प्रदेश के बुनकरों के बच्चों को वरीयता दी जाएगी।
योगी सरकार की नई गारमेंटिंग पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि अगर प्रदेश के युवा मार्केटिंग कंपनी के जरिए खादी वस्त्रों के चेन आउटलेट खोलते हैं तो उन्हें अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश या प्रदेश के बाहर 50 चेन आउटलेट खोलने पर 2 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आउटलेट से तीन वर्ष के दौरान प्रतिवर्ष 4 करोड़ की बिक्री की गई हो। वहीं प्रदेश या देश के अन्य राज्यों में 100 चेन आउटलेट खोलने पर 4 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आउटलेट द्वारा तीन वर्षों में प्रति वर्ष 8 करोड़ की बिक्री की गई हो। इसी तरह प्रदेश या प्रदेश के बाहर 200 आटउलेट खोलने पर 8 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आउटलेट द्वारा तीन वर्षों तक प्रति वर्ष 16 करोड़ की बिक्री की गई हो। 500 आउटलेट खोलने पर 10 करोड़ का अनुदान मिलेगा। कंपनी की ओर से कुल आउटलेट का 80 प्रतिशत प्रदेश के बाहर और विदेशों में 25 आउटलेट खोलने पर 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
फैशन शो भी आयोजित करेगी योगी सरकार
नई वस्त्र पॉलिसी में प्रदेश में खादी वस्त्रों के लिए नया एक्सपोर्ट हाउस खोलने या कंपनी की शुरुआत करने पर उसके रजिस्ट्रेशन में आने वाले खर्च पर 75 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर पर परियोजना लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक वर्ष में दो बायर-सेलर मीट होगी। सरकार इसके आयोजन के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये प्रति बायर-सेलर मीट खर्च करेगी। वहीं निर्यात से संबंधित संस्था यदि अपने स्तर से कोई बायर-सेलर मीट कराती है तो कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये अनुदान देगी। सरकार प्रदेश के वस्त्रों के निर्यात, मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से दो बड़े महानगरों में फैशन-शो भी आयोजित कराएगी। इसके लिए 20 लाख रुपये की राशि प्रति फैशन शो खर्च की जाएगी।