ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में 15 नए शहर बसाए जाएंगे। इसके लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास परिषद (उडा) द्वारा पूर्व में गढ़वाल में 12 और कुमाऊं में 10 स्थानों का प्रारंभिक चयन किया जा चुका है। धामी सरकार इन नए शहरों को योजनाबद्ध तरीके से बसाएगी। राज्य कैबिनेट ने अनेक प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी है।
गढ़वाल से डोईवाला, छरबा सहसपुर आर्केडिया, रोशनाबाद, रुड़की, बहादराबाद के पूर्वी क्षेत्र में, कोटद्वार के नजदीक, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के नजदीक, गौचर अलकनंदा तट पर, सिमली के दक्षिण में, भराडीसैण-गैरसैंण आदि को बसाने की योजना है। जबकि, कुमाऊं से गौलापार (ग्रेटर हल्द्वानी के रूप में), रामनगर के दक्षिण में, नैनी सैनी के नजदीक, अल्मोड़ा, अल्मोड़ा आईटीबीपी कैम्पस, रुद्रपुर, सितारगंज, काशीपुर, जसपुर और बाजपुर चिह्नित किए जा चुके हैं। इन स्थानों का मास्टर प्लान बनाते हुए वहां बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे मौजूदा शहरों से दबाव कम कम करने में मदद मिलेगी।
बनेगा थिंक टैंक
राज्य में नीति आयोग की तर्ज पर थिंक टैंक बनेगा। इस का गठन नियोजन विभाग एक माह में करेगा और नाम स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड यानी सेतु होगा। साथ ही पीपीपी मोड पर संचालित हो रही परियोजनाओं के लिए अलग बोर्ड बनाने का भी निर्णय लिया गया जिसका नाम उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड होगा।
राज्य में वर्ष 2025 तक 25 प्रतिशत सड़कें ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभाग को कदम उठाने को कहा गया है। साथ ही सड़क निर्माण में मार्ग को उखाड़कर उसी मैटीरियल को रिसाइकिल कर उसका उपयोग करने का भी निर्णय लिया गया है।
चिंतन शिविर
कैबिनेट ने मसूरी में हुए चिंतन शिविर में तय रोडमैप से सैद्धांतिक सहमति जताई है। सभी विभागों को इस कार्ययोजना के आधार पर आगे बढ़ाने और सीएम के अनुमोदन के बाद आदेश करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राज्य के विकास का रोडमैप तय करने के लिए पिछले दिनों मसूरी में तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया था।
इस दौरान मंथन के आधार पर सभी विभागों ने रोडमैप तय किया था।
इसके तहत कुल 25 बिन्दू तय कर कैबिनेट के सम्मुख रखे गए। इन्हें कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। चिंतन शिविर में लिए गए निर्णयों पर काम शुरू करने के लिए विभिन्न विभाग कार्रवाई करेंगे।
कैबिनेट के सम्मुख रखना जरूरी नहीं
चिंतन शिविर में लिए गए निर्णयों के लिए अब किसी भी मामले को कैबिनेट के सम्मुख रखने की जरूरत नहीं होगी।
सचिव नियोजन डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सभी विभागों को इस दिशा में कार्य करने को कहा गया है।
मास्टर ट्रेनर की व्यवस्था
राज्य में शिक्षकों को बेहतर बनाने के लिए मास्टर ट्रेनर की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए स्कूलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षक का चयन किया जाएगा। उन्हें आईआईएम समेत देश-विदेश के नामी संस्थानों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उसके बाद उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाकर प्रदेश के अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
लिए गए अहम निर्णय
- मोटे अनाज की खरीद सहकारिता व मंडी परिषद के जरिए करवाने को •सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे
- ट्रैकिंग की अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम
- शहर से बाहर स्थित रिजॉर्ट से संपत्ति कर लिया जाएगा
- बजट के खर्च को सुनिश्चित किया जाएगा
- मई तक जिला योजना अनुमोदित न होने पर बजट में 10 प्रतिशत कटौती, •राज्य में बढ़ते कचरे की समस्या को देखते हुए ई-वेस्ट नीति
- निजी नर्सरी को बढ़ाया
- राज्य में ड्रोन स्कूलों की स्थापना, •सूचना प्रोद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप
- उच्च शिक्षा में निवेश बढ़ाने को नई नीति
- मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
- निकार्यों में एसडीएम डीडीओ को ईओ का प्रभार
- सड़क दुर्घटना की सभी मजिस्ट्रेटी जांच पोर्टल पर अपलोड होगी।