ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। भारत के काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के उकसावे में नहीं आएगा। पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए। उनका देश आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम के तीन महीने पहले रूस-यूक्रेन युद्ध की तुलना भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे जम्मू-कश्मीर विवाद से की थी। प्रतीक ने इसी पर मुंहतोड़ उत्तर दिया है। प्रतीक यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली के 11वें इमरजेंसी सेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं यह कहने सामने आया हूं कि भारत पाकिस्तान के उकसावे का कोई जवाब नहीं देगा। पाकिस्तान के प्रतिनिधि को मेरी सलाह है कि वे पहले ‘राइट ऑफ रिप्लाय’ के तहत दिए गए हमारे पिछले जवाब देखें।
पाकिस्तान अपने आप को देखे और अपने ट्रैक रिकॉर्ड को देखे। वह ऐसा देश है जो आतंकवादियों को शरण देता है। उन्हें सुरक्षित पनाह देता है। वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद भी वहां उन्हें सजा नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि कलह को हल करने का रास्ता केवल शांति है। भारत को क्यों करना पड़ा ‘राइट ऑफ रिप्लाय’ का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर इमरजेंसी स्पेशल सेशन बुलाया। इस दौरान वोट की व्याख्या करते हुए पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया था। हालांकि इसके बाद भारत की स्थायी सदस्य रूचिरा कम्बोज ने पाकिस्तान की बेसिर-पैर की टिप्पणी की निंदा की थी और संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। अब भारत ने अपने ‘राइट ऑफ रिप्लाय’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के उसी तुलनात्मक कमेंट पर फटकार लगाई।