ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकार ने देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। मोदी सरकार महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। यौन अपराध पर रोक लगाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेन्स (आईटीएसएसओ) और नेशनल डाटाबेस ऑफ सेक्सुअल ऑफेंडर्स, क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर और न्यू सिटीजन सर्विस के जरिए प्रभावी जांच की जा रही है।
गृह मंत्रालय के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह ने सभीराज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन सभी तकनीकी सेवाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पुलिस थानों में महिला सहायता डेस्क बनाने के भी निर्देश दिए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने और देश के सभी जिलों में मानव तस्करी विरोधी इकाइयों को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा था कि महिला सशक्तिकरण सदैव मोदी सरकार की नीतियों का केंद्र बिंदु रहा है और ये गर्व की बात है कि आज हमारी मातृशक्ति आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि देश में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उसने कई पहल की हैं जो निर्भया कोष द्वारा वित्त पोषित हैं।
बयान में कहा गया है कि सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और कई ऐसी परियोजनाएं चल रही हैं जिसमें न केवल उनकी भलाई सुनिश्चित की गई है बल्कि इनके जरिये महिलाओं को स्वतंत्र रूप से जीने के लिए सशक्त किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले सात वर्षों में महिला सशक्तीकरण और उनकी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। उसने कहा कि गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया है और 14 राज्यों ने साइबर फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की है।