नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि दुनिया से आतंकवाद खत्म होने तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। मोदी गृह मंत्रालय की ‘नो मनी फॉर टेरर’ कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे जिसमें आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए 75 देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह ग्लोबल मीट 18-19 नवंबर को यहां आयोजित की गई थी। तीसरे सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि कुछ देशों की पॉलिसी ही आतंकवाद का समर्थन है। प्रधानमंत्री मोदी ने नाम नहीं लिया, पर उनका इशारा पाकिस्तान और चीन की ओर था। मोदी ने कहा कि ऐसे देशों पर जुर्माना लगना अब जरूरी हो गया है जो अपनी विदेश नीति के जरिए आतंकवाद का राजनीतिक, वैचारिक और आर्थिक समर्थन करते हैं।
आतंकवाद पर मोदी की पाक-चीन को खरी-खरी
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी संस्थाएं और व्यक्ति, जो आतंकवाद के लिए सहानुभूति पैदा करने की कोशिश में लगे हैं, उन्हें भी बिल्कुल अलग कर देना चाहिए। ऐसे मामलों में कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को खुलेआम और छिपकर किए जा रहे हर तरह के सपोर्ट के खिलाफ दुनिया को एक होना होगा।
प्रॉक्सी वार भी खतरनाक और हिंसक
उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद को मिल रहे आर्थिक सपोर्ट को चोट नहीं पहुंचाई गई तो अब तक आतंकवाद के खिलाफ जो कूटनीतिक बढ़त हमें हासिल हुई है वो जल्द ही बेकार हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं ये बिल्कुल न समझें कि युद्ध नहीं हो रहा है तो शांति है। प्रॉक्सीवार भी खतरनाक और हिंसक है। पीएम बोले कि कट्टरपंथ का समर्थन करने वालों को किसी भी देश में समर्थन नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम टेरर फंडिंग का एक जरिया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऑर्गनाइज्ड क्राइम के खिलाफ एक्शन बेहद जरूरी है। आतंकवाद का असर गरीबों और लोकल अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा पड़ता है। आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाना होगा। इस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा नहीं लिया।
सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘नो मनी फॉर टेरर’ प्लेटफॉर्म का उद्देश्य टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ बिग फाइट को व्यापक आधार देना है। उन्होंने कहा, जब आतंकवाद की बात आती है तो हम कभी भी पीछे नहीं हटेंगे, हम कभी समझौता नहीं करेंगे।
सम्मेलन के समापन सत्र मेंं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि टेररिज्म लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति तथा विश्वशांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है। अमित शाह ने कहा कि कोई भी एक देश या कोई भी एक संगठन, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, टेररिज्म को अकेला हरा नहीं सकता! अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार इस जटिल और बॉर्डर-लेस खतरे के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
शाह ने यह भी कहा कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, समूह या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए। इस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा नहीं लिया। कॉन्फ्रेंस का आयोजन एनआईए के तरफ से किया गया।
आतंकवाद को वित्तपोषण से निपटने के लिए स्थायी सचिवालय की पेशकश
नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक ‘नो मनी फॉर टेरर’ पहल के तहत धनशोधन रोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुद्दों से निपटने के लिए एक स्थायी सचिवालय की मेजबानी करने की पेशकश की। भारत ने आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर निरंतर वैश्विक ध्यान बनाए रखने के लिए इस अनूठी पहल की स्थिरता बरकरार रहने की जरूरत बताई। बयान में कहा गया है कि स्थायी सचिवालय की स्थापना का समय आ गया है। इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए, भारत देश में एक स्थायी सचिवालय स्थापित करने की पेशकश करता है। शीघ्र ही, भारत सभी प्रतिभागियों को उनकी बहुमूल्य टिप्पणियों के लिए एक चर्चा पत्र जारी करेगा।