ब्लिट्ज ब्यूरो
मानव संसाधन विकास पर स्थायी समिति ने 2020 में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। समिति की सिफारिशों को लागू कर महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।
2. सरकार के सभी स्तरों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना।
3. फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना।
4. मानव तस्करी के विस्तृत कानून समेत एक राष्ट्रीय तस्करी विरोधी ब्यूरो की स्थापना।
5. निर्भया फंड का कुशल कार्यान्वयन।
6. महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बने नेटवर्क को मजबूत करना (महिला थाना, महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाना, हेल्पलाइन नंबर, फोरेंसिक लैब की स्थापना, सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाना)।
7. लैंगिक शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना।
महिलाओं पर हिंसा के संदर्भ में कुछ आंकड़े
1. वैश्विक स्तर पर 35 फीसदी महिलाओं ने कभी न कभी अपने जीवन साथी या गैर जीवन साथी के द्वारा यौन हिंसा का दंश झेला। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन, आवागमन पर प्रतिबंध से उत्पन्न सामाजिक अलगाव की स्थिति से इस प्रकार की घटनाओं में 5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई।
2. प्रतिदिन लगभग 137 महिलाओं को उनके परिवार के सदस्य द्वारा मार दिया जाता है।
हिंसा का अनुभव करने वाली मात्र 40 फीसदी से कम महिलाएं किसी भी तरह की मदद लेती हैं।
3. वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी से पीड़ित लोगों में वयस्क महिलाओं की संख्या लगभग आधी (49 प्रतिशत) है।
4. वर्ष 2019 में 20 से 24 साल की प्रत्येक 5 महिलाओं में से एक महिला की शादी 18 वर्ष से पहले कर दी गई थी।
5. लगभग 31 देशों में 15 से 49 आयु वर्ग की 200 मिलियन महिलाओं और लड़कियों ने जननांग विकृति का सामना किया।
6. 5 से 19 आयु वर्ग की 15 मिलियन किशोर लड़कियों को अपने साथ जबरन सेक्स का कष्ट सहन करना पड़ा।
7. यूरोपीय संघ की 10 महिलाओं में से एक महिला ने 15 वर्ष की उम्र में साइबर उत्पीड़न का अनुभव किया।
8. मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में, 40-60 प्रतिशत महिलाओं के साथ सड़क आधारित यौन उत्पीड़न की घटना घटी।
9.82 प्रतिशत महिला सांसदों ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने साथ मनोवैज्ञानिक हिंसा के किसी न किसी रूप का अनुभव किया है।