संजय द्विवेदी
लखनऊ। कोलकाता कांड के मद्देनजर यूपी में गृह विभाग ने कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जहां भी महिलाकर्मी कार्यरत हैं, वहां नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट कराने को कहा गया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर जहां भी महिलाओं का आना-जाना नियमित और अधिक है, उन्हें हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित कर वहां विशेष सुरक्षा इंतजाम एवं गश्त कराने को कहा गया है।
अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार की तरफ से इस संबंध में डीजीपी और सभी पुलिस प्रमुखों को निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा रात्रि में आने-जाने के मार्गों को सुरक्षित करना, प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल, मजबूत सुरक्षा उपाय, नियमित सुरक्षा ऑडिट, विधिक जानकारी, महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाओं के ज्ञान के साथ-साथ उनका आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी कराया जाए। निर्देशों में यह कहा गया है कि नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाओं को तय समय सीमा से अधिक काम न करना पड़े।
विश्वसनीय परिवहन का ही इस्तेमाल करें
नियोक्ता महिलाओं को कैब, शटल और परिवहन सेवाएं सिर्फ उन्हीं एजेंसियों से उपलब्ध कराएं, जो विश्वसनीय और निगरानी वाली हों। आपातकालीन सेवा 112 यूपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे वाली महिलाओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक छोड़ने वाली एस्कॉर्ट सेवा का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें। परिवहन निगम की बसों, प्राइवेट टैक्सी और अन्य वाहनों के ऐसे ड्रॉप ऑफ प्वाइंट बनाए जाएं, जहां पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था हो और सीसीटीवी कैमरे लगे हों।
पुलिस जुटाए अपने इलाके की कामकाजी महिलाओं का विवरण
पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे थानावार अपने-अपने इलाकों के काल सेन्टर, स्वास्थ्य संस्थानों, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे बस स्टेशन की सूची बना लें, जहां महिलाएं काम करती हों। इनका विवरण तैयार कर रात के हॉट स्पॉट चिह्नित कर लें। इन सभी जगह राजपत्रित अधिकारियों के पर्यवेक्षण में विशेष गश्त और सुरक्षा इंतजाम किए जाएं।
संस्थान तैयार करें कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल
सभी कार्यस्थलों के स्वामी, मुख्य प्रबंधकों, कार्यकारी प्रमुखों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ बैठक कर उन्हें महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही उन्हें कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा जाए।
सभी संस्थानों में आपातकालीन नंबर स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए। साथ ही आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए 24 घंटे एक नामित अधिकारी की व्यवस्था होनी चाहिए।
– गृह मंत्रालय ने डीजीपी और सभी पुलिस प्रमुखों को किया अलर्ट
महिलाओं के लिए उनके कार्यस्थल के पास अलग और सुरक्षित अल्प विश्राम और प्रसाधन कक्ष की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। संस्थान में आने वालों की सख्त निगरानी और उनका पूरा विवरण आने-जाने के समय के साथ रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए जागरूक करने, उनका प्रशिक्षण कराने की व्यवस्था भी होनी चाहिए। सभी कार्यस्थलों पर आपातकालीन परिस्थिति में क्या करना है इसके संबंध में कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल होना चाहिए।