ब्लिट्ज ब्यूरो
देश में महिलाओं का सशक्त होना आज की महती आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना। महिलाएं समाज के लगभग आधे भाग का प्रतिनिधित्व करती हैं। भारत में महिलाएं शिक्षा, राजनीति, मीडिया, कला व संस्कृति, सेवा क्षेत्रों, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में भागीदारी करती हैं।
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया से भी है जिसमें महिलाओं के लिए सर्वसम्पन्न और विकसित होने हेतु संभावनाओं के द्वार खुलें और उनके लिए नए विकल्प तैयार हों। समय-समय पर देश में महिलाओं के उत्थान के लिए, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उनके सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार ने बहुत सारी योजनाएं जारी की हैं। कुछ केंद्रीय योजनाएं सारे राज्यों में चल रही हैं तो कुछ राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई हैं। उन्हीं योजनाओं में से एक है ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र’ (पीएमएमएसके) जो केंद्र सरकार द्वारा संचालित है और यह सभी राज्यों में शुरू की गई है।
महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं यथा- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना और प्रधानमंत्री समर्थ योजना चल रही हैं जो स्त्रियों के सामाजिक ताने-बाने में उल्लेखनीय सुधार कर रही हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना 2023 भी आती है।
अन्य योजनाओं का भी विस्तार
महिलाओं के लिए सुरक्षा और अधिकारिता के लिए अम्ब्रेला योजना मिशन के विस्तार के अंतर्गत चलाई गई प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना को ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के साथ ही केंद्र सरकार ने भविष्य में महिला सशक्तिकरण के लिए अन्य सभी योजनाओं का विस्तार करने की योजना भी बनाई है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए पहले ही एक बजट आवंटित कर दिया है।
22 नवंबर 2017 को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना (पीएमएमएसके) को मंजूरी दी थी। इसके तहत पिछड़े जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस योजना के साथ ही कैबिनेट ने यह भी कहा कि “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना”, यौन उत्पीड़न का सामना करने वाली महिलाओं के लिए वन-स्टॉप केंद्र योजना और 7 अन्य योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर अंब्रेला योजनाएं शुरू की जाएंगी जो महिलाओं के लिए विशेष रूप से काम करेंगी। योजना लागू हो जाने से महिलाओं को ऐसे अधिकार मिलेंगे जो उनके स्वाभिमान को और ऊंचा उठाएंगे।
नवंबर, 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला शक्ति केंद्र की शुरुआत की। इसके अंतर्गत 640 जिलों में महिला शक्ति केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया। ये केंद्र महिला केंद्रित योजनाओं को महिलाओं तक सुविधा पूर्ण तरीकों से पहुंचाने के लिए गांव ब्लॉक और राज्य स्तर के बीच कड़ी का काम करेंगे और जिला स्तर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनाओं को भी मजबूती प्रदान करेंगे।
योजना की सफलता के लिए कॉलेजों के छात्र स्वयंसेवकों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाया जाएगा। योजना की शुरुआत का लक्ष्य देश के 115 अति पिछड़े जिलों के ब्लॉकों से रखा गया। स्वयंसेवक छात्रों एवं एनजीओ को परिवर्तन एजेंट के रूप में आंगनबाड़ी की महिला सदस्यों के साथ मिलकर ग्रामीण महिलाओं को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली महिला हित की योजनाओं, बच्चों के पोषण, लिंग समानता, महिला अधिकार आदि के बारे में जागरूकता लाने का काम सौंपा गया है। इससे महिलाओं को स्वावलंबी और सशक्त बनाया जा सकेगा और नवजात बच्चों को कुपोषण की समस्या से भी बचाया जा सकेगा तथा बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
योजना का क्रियान्वयन
अंब्रेला योजनाओं को 640 जिलों में चरणबद्ध तरीकों से सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने में महिला शक्ति केंद्र सहयोग करेंगे।
योजना के तहत सभी उप योजनाओं की समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और जिला स्तर पर सामान्य कार्यबल नीति आयोग द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार कार्य करते हैं। इस प्रकार यह सभी उप योजनाओं का, केंद्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर एक मॉनिटरिंग ढांचा विकसित करता है।
ब्लॉक स्तरीय कार्य
इस योजना को पूरा करने के लिए ग्राम स्तर पर महिलाओं को सुदृढ़ करने के लिए एकत्रित किया जाएगा और उन्हें योजना से जुड़े फायदे बताए जाएंगे। ग्रामसभा, पंचायती राज संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्य प्रणाली में महिलाओं की भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आवासीय प्रमाणपत्र आदि बनवाने में महिलाओं की मदद की जाएगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रचार प्रसार में जिला स्तरीय महिला केंद्र की सहायता की जाएगी।