ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्य महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह दर देश की अनुमानित वृद्धि दर 7.6 फीसदी के अनुरूप है।
– एफडीआई प्रवाह में भी शीर्ष पर
विधानमंडल में पेश की गई राज्य की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि राज्य में कृषि और संबद्ध गतिविधियों तथा उद्योग क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 1.9 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही। वहीं सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर 8.8 प्रतिशत दर्ज की गयी। महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार जो वित्त मंत्रालय भी संभाल रहे हैं, ने 2023-24 की आर्थिक समीक्षा विधानमंडल में पेश की।
एफडीआई प्रवाह में शीर्ष पर महाराष्ट्र
राज्य की आर्थिक वृद्धि दर 2023-24 में 7.6 प्रतिशत रही। एक साल पहले 2022-23 में यह 6.8 प्रतिशत थी। समीक्षा के अनुसार, 2023-24 के लिए मौजूदा मूल्य पर राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 40,44,251 करोड़ रुपये रहा जबकि वास्तविक मूल्य के आधार पर यह 24,10,898 करोड़ रुपये रहा।
जीएसडीपी तय अवधि में राज्य की सीमाओं के भीतर उत्पन्न वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को दर्शाता है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, देश में एफडीआई प्रवाह के मामले में महाराष्ट्र शीर्ष पर बना हुआ है। 2022-23 के दौरान देश के कुल निर्यात में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत रही।
देश की जीडीपी में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा
अखिल भारतीय स्तर पर मौजूदा मूल्य पर जीडीपी में राज्य की औसत हिस्सेदारी सबसे अधिक 13.9 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रति व्यक्ति राज्य आय 2,52,389 रुपये रही जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 2,19,573 रुपये थी।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.8 प्रतिशत रहा जबकि राजस्व घाटा 0.5 प्रतिशत रहा। और जीएसडीपी के लिए ऋण स्टॉक 17.6 प्रतिशत है।
पिछले वित्तीय वर्ष में वार्षिक योजनाओं के लिए कुल अनुमानित व्यय 2,31,651 करोड़ रुपये है, जिसमें से 20,188 करोड़ रुपये जिला वार्षिक योजनाओं के लिए हैं।