ब्लिट्ज ब्यूरो
विशाखापत्तनम। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार आंध्र प्रदेश दौरे पर पहुंचीं। यहां आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेते हुए उन्होंने देश के विकास में आंध्र प्रदेश के लोगों के योगदान की खुले दिल से सराहना की। राष्ट्रपति ने छात्रों को देश की परंपराओं और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाने की सलाह भी दी।
विशाखापत्तनम में नौसेना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि हम स्वाभाविक रूप से एक समुद्री राष्ट्र हैं जिसके तीन तरफ समुद्र और एक तरफ ऊंचे पहाड़ हैं। राष्ट्र की समृद्धि में महासागर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमारा देश भारत आजादी के 100 साल पूरे होने तक (2047 में) फिर विश्वगुरु बन जाएगा।
वैज्ञानिक सुब्बा राव को याद किया
एक अन्य सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप, हमारे छात्रों को हमारी परंपराओं के साथ आधुनिक दुनिया में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करना चाहिए। प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. यल्लाप्रगदा सुब्बा राव ने एक सदी पहले ऐसा किया था। सुब्बा राव के शोध से कई जीवन रक्षक दवाओं की खोज हुई। डॉ. सुब्बा राव 1922 में फार्मेसी और बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल गए थे।
तकनीक के विकास में आंध्र की अग्रणी भूमिका
राष्ट्रपति ने बताया कि स्वतंत्र भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में आंध्र प्रदेश की अग्रणी भूमिका रही है। आंध्र प्रदेश के लोगों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी में देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। आंध्र उन राज्यों में से एक है, जहां महिलाओं के प्रति बेहद सम्मान दिखाया जाता है।