ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव के सियासी रण में बाहुबली अलग-अलग दांव आजमा रहे हैं। कहीं बाहुबलियों तो कहीं दो साल से अधिक की सजा काट चुके नेताओं ने अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें जद (यू) टिकट पर शिवहर से लड़ रहीं लवली आनंद हैं। इनके पति आनंद मोहन बीते साल अप्रैल में 16 की साल सजा काट कर जेल से रिहा हुए हैं। उनकी रिहाई जेल नियमावली में बदलाव करने के बाद संभव हो सकी थी। मगर इनके चुनाव लड़ने पर कानून की रोक है। वे खुद शिवहर संसदीय सीट से 1996 और 1998 में चुनाव लड़ निर्वाचित हुए थे। उनकी पत्नी लवली आनंद भी सांसद रह चुकी हैं लेकिन 2019 का चुनाव राजद की टिकट पर शिवहर से लड़ीं और हार गई थीं। अब राजद छोड़ जद (यू) का तीर थाम चुनाव लड़ रही हैं।
इसी कतार में नवादा के कुख्यात अशोक महतो
इसी कतार में नवादा, शेखपुरा के कुख्यात अशोक महतो हैं। वे 17 साल की जेल की सजा काटने के बाद पिछले साल भागलपुर जेल से रिहा हुए हैं। महतो वर्ष 2001 नवादा जेल से फरार होने के बाद 2006 में गिरफ्तार हुए थे। अशोक महतो ने 60 की उम्र में चुनाव लड़ाने के लिए अनिता देवी (48) से शादी की है और लालू प्रसाद से आशीर्वाद लेने पटना उनके आवास गए।
अब अनिता देवी राजद की लालटेन से मुंगेर से चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने जद (यू) के कद्दावर नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह हैं। अशोक महतो के भतीजे प्रदीप महतो वारसलीगंज से दो बार से जद (यू) के विधायक हैं।
बीमा भारती अब पार्टी छोड़ राजद की टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ रहीं पांच बार से रुपौली की जद (यू) विधायक व मंत्री बीमा भारती अब पार्टी छोड़ राजद की टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। उनके पति अवधेश मंडल के खिलाफ एक दर्जन मामले संगीन धाराओं में विभिन्न थानों में दर्ज हैं। इनमें हत्या और अपहरण के मामले भी हैं। एडीआर की रपट के मुताबिक बीमा भारती के खिलाफ भी तीन मामले दर्ज हैं। पूर्णिया से ही बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव चुनाव लड़ रहे हैं। इनके खिलाफ 39 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
रमेश कुशवाहा की पत्नी
सीवान लोकसभा सीट से जद (यू) टिकट पर चुनावी जंग लड़ रहीं विजयालक्ष्मी देवी सीपीआई एमएल के सदस्य रहे रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं। कुशवाहा ने 1997 में सीवान में तत्कालीन बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ जेएनयू छात्र चंद्रशेखर प्रसाद की हत्या में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद इन्होंने राजद, जद (यू), राष्ट्रीय लोक मोर्चा सदस्यता ली और फिर जद (यू) में ठीक चुनाव की घोषणा के बाद आ गए।