डॉ अम्बेडकर के सपनों को पीएम मोदी की सरकार किस प्रकार साकार करने में जुटी है, इस बिंदु पर विकास त्रिवेदी से चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनसे बातचीत के कुछ अंश यहां पेश कर रहा हूं।
सवाल : डॉ अम्बेडकर के विचार, कार्य एवं दर्शन को लेकर मोदी सरकार की क्या संकल्पना है?
जवाब : भारतरत्न डॉ अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाती मोदी सरकार के माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार उनके विचारों को फैलाने के लिए किए कई बड़े काम कर रहे हैं। देश की आजादी के बाद जिस भारत की कल्पना कर रहे थे, उस संकल्पना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार पूरा कर रही है। बाबा साहब के आदर्शों के पथ पर वर्तमान सरकार अनवरत गतिशील है। जिस सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए बाबा साहब ने पूरा जीवन समर्पित कर दिया, आज वह सामाजिक न्याय, फसाना नहीं हकीकत बन चुका है। माननीय प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता और बाबा साहब के प्रति समर्पण के कारण ही वर्ष 2015 में डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का शिलान्यास हुआ और वर्ष 2017 में बनकर तैयार हुआ। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से डॉ अम्बेडकर के जन्म से लेकर शिक्षा प्राप्त करने से जुड़े पंच तीर्थों जन्मभूमि (महू, इंदौर, मध्यप्रदेश), शिक्षा भूमि (लंदन में शिक्षा के दौरान निवास), दीक्षा भूमि (बौद्ध धर्म को अपनाने का स्थान, नागपुर), महापरिनिर्वाण भूमि (अंतिम सांसे लेने का स्थान, दिल्ली) तथा चैत्यभूमि, मुम्बई को भारत सरकार संविधान निर्माता के स्मृति के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सवाल : क्या सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय डॉ अम्बेडकर के विचार एवं दर्शन प्रसारित करने का कार्य कर रहा है?
जवाब : बाबा साहेब के राष्ट्रव्यापी विजन को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय धरातल पर लाने के लिए हुए निर्णयों को क्रियान्वित कर रहा है।
सवाल : डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान की स्थापना का क्या उद्देश्य रहा है?
जवाब : डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान शताब्दी समारोह समिति की सिफारिशों पर 24 मार्च 1992 को स्थापित किया गया था ताकि डॉ अम्बेडकर की विचारधारा और संदेश को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी जनता के बीच आगे बढ़ाने का काम किया जा सके।
सवाल : अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं अम्बेडकर प्रतिष्ठान द्वारा संचालित की जा रही हैं?
जवाब : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान की ओर से अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं और संबंधित समुदाय के वास्तविक लाभार्थियों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। प्रतिष्ठान का उद्देश्य बाबासाहेब डॉ अम्बेडकर के विचार एवं दर्शन का प्रचार-प्रसार तथा योजनाओं का प्रबंधन करना है।
सवाल : क्या डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान ने शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर सामाजिक कल्याण की कोई योजना शुरू की है?
जवाब : इसी वर्ष 22 अप्रैल‚ 2022 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री और डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार जी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय‚ वाराणसी में डॉ अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के शुभारंभ अवसर पर चयनित 30 विश्वविद्यालयों और डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन‚ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय‚ भारत सरकार के बीच एक समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस योजना की शुरुआत देशभर के 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में की गई है। डॉ अम्बेडकर उत्कृष्ट केंद्र योजना के तहत‚ अनुसूचित जाति के छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त मुफ्त कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी।
सवाल : क्या महिलाओं के लिए इस उत्कृष्टता केंद्र योजना में कोई आरक्षण दिया गया है?
जवाब : बिल्कुल। कुल स्वीकृत सीटों में से 33 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति की योग्य महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाएंगी। यदि कोचिंग हेतु योग्य महिला उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं होगी तो संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा पुरुष/ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों (केवल अनुसूचित जाति के उम्मीदवार) को खाली सीटें आवंटित की जाएंगी।
सवाल : डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान द्वारा क्या पीठ के संचालन हेतु सुविधाएँ बढाई गई हैं?
जवाब : जी हाँ। इसी वर्ष 24 विश्वविद्यालयों/संस्थानों और डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन‚ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच में संशोधित डॉ अम्बेडकर चेयर योजना हेतु एक संशोधित समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ है। डॉ अम्बेडकर पीठ हेतु सहायता अनुदान राशि को संशोधित कर मौजूदा 35 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रत्येक पीठ की स्थापना को सुविधाजनक बनाने हेतु प्रत्येक चेयर को उनकी प्रारंभिक स्थापना के समय 10 लाख रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में पूरे देश में 24 डॉ अम्बेडकर पीठ की स्थापना की जा चुकी है।
सवाल : क्या डॉ अम्बेडकर अंतररष्ट्रीय केंद्र ने मोदी@20 पुस्तक पर कार्यक्रम आयोजित किया है?
जवाब : डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र ने अभी हाल में मोदी@20 पुस्तक केंद्रित संगोष्ठी का आयोजन किया है। यह मोदी@20 पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों एवं संकल्पनाओं का दस्तावेज है जिसे उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व एवं परिश्रम से प्राप्त किया है। मोदी जी ने पहली बार 7 अक्टूबर, 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करते हुए 7 अक्टूबर, 2021 को उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की चुनावी राजनीति में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर काम करते हुए अपने 20 साल पूरे किए। यह पुस्तक कुशल नेतृत्व का एक संग्रह है।