ब्लिट्ज ब्यूरो
लंदन। ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी भारतीयों ने लंदन में बीबीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने के लिए बीबीसी मुख्यालय के बाहर इकट्ठे हुए। ये लोग तिरंगा और पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
लोगों को पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। प्रवासियों ने कहा कि बीबीसी की पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारतीय गुस्से में हैं। इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए बीबीसी ने हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी एजेंडे को चलाने की कोशिश की है। लोग अपने कपड़ों पर ‘शेम ऑन बीबीसी’ और ‘बॉयकाट बीबीसी’ के पोस्टर लगाकर पहुंचे थे।
मोदी ने मुस्लिमों के लिए सबसे ज्यादा काम किया
प्रदर्शनकारियों ने कहा- डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि पीएम मोदी की सरकार में मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव होता है। यह पूरी तरह से गलत है। पीएम मोदी ने मुस्लिमों के लिए इतना काम किया है जितना किसी और नेता ने नहीं किया। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री झूठ पर आधारित है। पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के भले के लिए ट्रिपल तलाक पर रोक लगाई है। मोदी के राज में किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं होता।
कैलिफोर्निया में भी हुए प्रदर्शन
भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी बीबीसी के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था। इंडियन डायस्पोरा के बैनर तले लोगों ने सैन फ्रांसिस्को के फ्रीमोंट शहर की गलियों में रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने ‘बायस्ड बीबीसी’और ‘नस्लीय बीबीसी’ जैसे नारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि वे बीबीसी की पक्षपात करने वाली डॉक्यूमेंट्री को खारिज करते हैं। मार्च के दौरान लोग तख्तियां भी लिए हुए थे, जिन पर बीबीसी को बोगस ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन बताया गया था। दूसरी तख्तियों पर लिखा था- डॉक्यूमेंट्री झूठा एजेंडा चला रही है। बीबीसी फेक न्यूज फैला रही है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि यह बीबीसी द्वारा विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ने का एक और सबूत है। बीबीसी न केवल रूस के खिलाफ, बल्कि एक स्वतंत्र नीति का पालन करने वाले अन्य वैश्विक केंद्रों के खिलाफ भी है। रूसी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि यह वर्षों से पता है कि दूसरों के खिलाफ कुछ समूहों के हितों का औजार बनने के लिए बीबीसी ब्रिटिश सेना के भीतर भी लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीसी के साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए जैसा वह कर रहा है।
ब्लिट्ज ब्यूरो
लंदन। ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी भारतीयों ने लंदन में बीबीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने के लिए बीबीसी मुख्यालय के बाहर इकट्ठे हुए। ये लोग तिरंगा और पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
लोगों को पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। प्रवासियों ने कहा कि बीबीसी की पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारतीय गुस्से में हैं। इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए बीबीसी ने हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी एजेंडे को चलाने की कोशिश की है। लोग अपने कपड़ों पर ‘शेम ऑन बीबीसी’ और ‘बॉयकाट बीबीसी’ के पोस्टर लगाकर पहुंचे थे।
मोदी ने मुस्लिमों के लिए सबसे ज्यादा काम किया
प्रदर्शनकारियों ने कहा- डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि पीएम मोदी की सरकार में मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव होता है। यह पूरी तरह से गलत है। पीएम मोदी ने मुस्लिमों के लिए इतना काम किया है जितना किसी और नेता ने नहीं किया। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री झूठ पर आधारित है। पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के भले के लिए ट्रिपल तलाक पर रोक लगाई है। मोदी के राज में किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं होता।
कैलिफोर्निया में भी हुए प्रदर्शन
भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी बीबीसी के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था। इंडियन डायस्पोरा के बैनर तले लोगों ने सैन फ्रांसिस्को के फ्रीमोंट शहर की गलियों में रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने ‘बायस्ड बीबीसी’और ‘नस्लीय बीबीसी’ जैसे नारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि वे बीबीसी की पक्षपात करने वाली डॉक्यूमेंट्री को खारिज करते हैं। मार्च के दौरान लोग तख्तियां भी लिए हुए थे, जिन पर बीबीसी को बोगस ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन बताया गया था। दूसरी तख्तियों पर लिखा था- डॉक्यूमेंट्री झूठा एजेंडा चला रही है। बीबीसी फेक न्यूज फैला रही है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि यह बीबीसी द्वारा विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ने का एक और सबूत है। बीबीसी न केवल रूस के खिलाफ, बल्कि एक स्वतंत्र नीति का पालन करने वाले अन्य वैश्विक केंद्रों के खिलाफ भी है। रूसी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि यह वर्षों से पता है कि दूसरों के खिलाफ कुछ समूहों के हितों का औजार बनने के लिए बीबीसी ब्रिटिश सेना के भीतर भी लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीसी के साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए जैसा वह कर रहा है।