वॉशिंगटन। इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को कर्ज की नई किश्त जारी करने के बजाय सुधरने की सलाह दी है। आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा है कि सबसे पहले तो पाकिस्तान को एक मुल्क की तरह बर्ताव करना सीखना होगा। उन्होंने कहा- पाकिस्तान एक ऐसी खतरनाक जगह बनती जा रही है जहां कर्ज के सहारे ही सिस्टम चल रहा है।
उन्होंने आगे कहा, सवाल यह है कि आईएमएफ आपको लोन देता है, लेकिन आप इसका इस्तेमाल गरीबों की भलाई के बजाए इस तरीके से करते हैं कि इसका फायदा मुल्क के अमीरों को होता है। पाकिस्तान पर इस वक्त 100 अरब डॉलर का कर्ज है। महंगाई दर 40 प्रतिशत के करीब हो चुकी है। सरकार के पास महज 2.7 अरब डॉलर के फॉरेन डिपॉजिट हैं। चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर और बतौर कर्ज दिए हैं लेकिन इससे एक महीने का खर्च निकलना भी मुश्किल है।
फोकस 2 चीजों पर
‘ग्रीक सिटी टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में आईएमएफ चीफ ने कहा- पाकिस्तान से हम शुरुआत में दो चीजों पर फोकस करने को कह रहे हैं। पहला, टैक्स कलेक्शन बढ़ाइए। हैरानी की बात है कि वहां चंद लाख लोग ही टैक्स देते हैं और उनके पास बेहिसाब दौलत है। दूसरा- सब्सिडी सिस्टम बदलें। ये कौन सा तरीका है कि आईएमएफ से पैसा लेकर जाते हैं और इसका फायदा अमीरों को होता है। हकीकत में जिन गरीबों की इसकी जरूरत है, उनके पास तो कुछ पहुंचता ही नहीं।
आईएमएफ की एमडी ने पाकिस्तान की फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया। कहा- एक बेहद गरीब मुल्क में सेना को बजट का 20 फीसदी हिस्सा कैसे मिल जाता है। ब्यूरोक्रेट्स और दूसरे अफसर रिटायर होने के बाद भी लाखों रुपए कमाते हैं।