ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हमेशा चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम समुदाय के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान देना शुरू किया है। भाजपा मुस्लिम मोर्चा का अशरफ से पसमांदा तक (कुलीन वर्ग से कमजोर वर्ग की ओर) पहुंचने का देशव्यापी अभियान 10 मई से शुरू हो रहा है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के मुताबिक अभियान के तहत 3 लाख, 25 हजार मुस्लिम ‘मोदी मित्र’ देश भर के 65 मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्र की मुस्लिम कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करेंगे।
30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर
प्रचार के लिए चुने गए क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। इनमें यूपी-बंगाल के 13-13, केरल के 8, असम के 6, जम्मू-कश्मीर के 5, बिहार के 4, मध्यप्रदेश के 3, महाराष्ट्र, दिल्ली, गोवा, तेलंगाना, हरियाणा के 2-2, लद्दाख, लक्षद्वीप, तमिलनाडु का 1-1 लोकसभा क्षेत्र शामिल है।
सिद्दीकी के अनुसार अभियान के तहत बताया जाएगा कि भाजपा सरकार की सभी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मुसलमानों को मिल रहा है। एक लोकसभा क्षेत्र में 5000 मुस्लिम ‘मोदी मित्र’ रहेंगे। ये प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे गैर राजनीतिक व्यक्ति होंगे।
तीन समूहों में बांटा
भारतीय मुसलमानों को जातियों के तीन समूहों में बांटा गया है। जो हिंदुओं में चार वर्णों की संरचना जैसी है। राज्यसभा के पूर्व सदस्य और पसमांदा मुस्लिम आंदोलन के नेता अली अनवर अंसारी के अनुसार, पहली श्रेणी में सैयद, शेख, पठान, मिर्जा, मुगल जैसी ऊंची जातियां शामिल हैं।
दूसरी श्रेणी में मध्यम जातियां शामिल हैं जिनकी संख्या बहुत बड़ी है। इनमें अंसारी, मंसूरी, रैन, कुरैशी शामिल हैं । तीसरे वर्ग में हलालखोर, हवारी, रज्जाक आदि जातियां आती हैं।
80 प्रतिशत पसमांदा
देश की आबादी में मुसलमानों की आबादी करीब 14 फीसदी है। इनमें 80 प्रतिशत पसमांदा मुस्लिम हैं। इनमें दलित व पिछड़ा वर्ग के मुस्लिम आते हैं। ये सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। फारसी मूल के इस शब्द का मतलब है- समाज में पीछे छूट गए लोग।
पसमांदा आंदोलन
भारत में पसमांदा आंदोलन 100 साल पुराना है। पिछली सदी के दूसरे दशक में मुस्लिम पसमांदा आंदोलन खड़ा हुआ था। 17 जनवरी 2023 को भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के बोहरा, पसमांदा और पढ़े-लिखे लोगों तक हमें सरकार की नीतियां लेकर जानी हैं। हमें समाज के सभी अंगों से जुड़ना है और उन्हें अपने साथ जोड़ना है।
इससे करीब 6 महीने पहले 3 जुलाई 2022 को हैदराबाद में आयोजित भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए स्नेह यात्रा की घोषणा की थी। इस यात्रा का मकसद पसमांदा मुस्लिमों के घर-घर पहुंच कर भाजपा से जोड़ने की पहल करना था।