ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रतिभा उम्र या जेंडर की मोहताज नहीं होती। पढ़ा-लिखा काबिल व्यक्ति समाज में सदैव वर्चस्व स्थापित करता है। प्रतिभावान इंसान पर किसी भी हालात का कोई असर नहीं पड़ता। उसे सिर्फ अवसर मिलना चाहिए, वह कामयाबी पा ही लेता है। ऐसी ही एक सफल और प्रतिभा की धनी हस्ति ने मिसाल कायम की है।
केरल की ट्रांसजेंडर महिला पद्मा लक्ष्मी ने राज्य की बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकन कराया है। बता दें कि पद्मा लक्ष्मी उन 1,500 लॉ ग्रेजुएट्स में से एक थीं, जिन्हें 19 मार्च को बार काउंसिल ऑफ केरल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बार एनरोलमेंट सर्टिफिकेट दिया गया था।
केरल को पहली ट्रांसजेंडर महिला वकील मिलने पर राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर बधाई दी। उन्होंने पद्मा लक्ष्मी का एक फोटो साझा किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा ‘पद्मा लक्ष्मी ने एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से स्नातक किया है। एक युवा वकील के तौर पर खुद के लिए रास्ता बनाने के प्रयासों की मैं प्रशंसा करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि पद्मा लक्ष्मी ने खुद को इस जगह पहुंचाया, यह बेहद उत्साहजनक है। प्रथम बनना हमेशा इतिहास की सबसे कठिन परीक्षा है । पद्मा लक्ष्मी ने सब बाधाओं को पार करके कानूनी इतिहास में अपना नाम लिखा है।